न्यूयॉर्क, एजेंसी : अगर आप खुश रहते हैं तो सारी जिंदगी डिमेंशिया आपके आसपास भी नहीं फटकेगा। अगर डिमेंशिया कारक नहीं होगा तो आपको गंभीर बीमारियां छू भी नहीं पाएंगे। यह दावा एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी के शोध में किया गया है।
शिकागो की नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में 80 से 9 साल के सुपर एडल्ट पर हाल ही में इस संबंध में एक शोध किया गया था। न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर एमिली रोगालसकी का कहना है कि उम्र के इस दौर में खुश रहने वाले लोगों का मस्तिष्क अप्रत्याशित रूप से काम करता है। कई मामलों में तो यह 50 साल के लोगों को भी पीछे छोड़ देते हैं। एमिली के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में शोध कर्ताओं ने पाया कि इस उम्र में सक्रिय लोगों के मस्तिष्क में वॉन इकोनोमो न्यूरॉन अधिक मात्रा में पाया जाता है। इन्हीं की वजह से दिमाग के विभिन्न हिस्सों में बेहतर तालमेल हो पाता है। जो लोग सीजोफ्रेनिया ऑटिज्म बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार होते हैं उनमें यह न्यूरॉन सक्रिय नहीं होता। शोध में यह भी पाया गया कि इनमें डिमेंशिया के प्रति अवरोध उत्पन्न करने वाला एपीओई 22 जीन मौजूद था।
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