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हिंदू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल है खगड़िया का यह सांसद

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
एक तरफ जहां सियासतदान अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए पूरे देश को हिंदू और मुसलमान में बांटने में लगे हुए हैं, वहीं एक मुस्लिम सांसद ऐसा भी है जो हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। उसकी नजर में हिंदू और मुस्लिम भाई-भाई हैं। मजहबी सियासत से वह कोसों दूर है। यही वजह है कि जनता का प्यार उसे हमेशा मिलता रहा। हम बात कर रहे हैं खगड़िया के सांसद चौधरी और केंद्रीय हज कमेटी के चेयरमैन चौधरी महबूब अली कैसर की।
चौधरी महबूब अली कैसर यूं तो शाही खानदान से ताल्लुक रखते हैं लेकिन उनकी सादगी पर कभी यह हावी नहीं हो सकी। आज जब मजहबी सियासत देश को बांटने में लगी हुई है, हिंदू-मुस्लिम के नाम पर आए दिन सियासतदान अपना वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में लगे रहते हैं, वहीं मजहबी सियासत महबूब अली को छू भी नहीं पाई।
कैसर के ड्राइवर से लेकर निजी सचिव तक हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं। इतना ही नहीं उनका मीडिया प्रभारी भी एक हिंदू ही है।
बताते चलें कि सांसद या मंत्री का सबसे अहम पद निजी सचिव का होता है। सांसद के हर छोटे-बड़े फैसले और उसकी संसदीय क्षेत्र से जुड़े हर छोटे-बड़े लोगों की समस्याओं का सारा हिसाब रखने के साथ-साथ उनके समाधान का प्रयास करना भी निजी सचिव की ही जिम्मेदारी होती है। अमूमन देखा गया है कि सांसद हो, मंत्री हो या फिर विधायक हो वह अपने निजी सचिव का पद सिर्फ उसी शख्स को देता है जिस पर उसे पूरी तरह से ऐतबार हो या फिर वह उसका रिश्तेदार हो। लेकिन चौधरी महबूब अली कैसर ने एक हिंदू पर भरोसा जताया है। चौधरी महबूब अली कैसर के निजी सचिव का नाम है कृष्ण गोपाल गुप्ता। कृष्ण गोपाल दिल्ली के ही रहने वाले हैं। कृष्ण गोपाल निजी सचिव बनाना ही यह साबित करता है की चौधरी महबूब अली कैसर की नजरों में मजहबी सियासत कोई मायने नहीं रखती। अपने मातहतों को कैसर ने कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह कैसर के धर्म से ताल्लुक़ नहीं रखते. यही वजह है कि जब कांग्रेस को अलविदा कहकर कैसर लोक जनशक्ति पार्टी में आए तो कृष्ण गोपाल गुप्ता भी पार्टी छोड़कर लोजपा में शामिल हो गये थे.
यही वजह है कि हिंदू हो या मुसलमान चौधरी महबूब अली कैसर हर धर्म के लोगों के लोकप्रिय नेता बन गए हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें कई बार आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है लेकिन महबूब अली ने कभी इसकी परवाह नहीं की।
जिस मीडिया प्रभारी पर सांसद के अच्छे कार्यों के प्रसार-प्रचार का पूरा जिम्मा रहता है उस पद के लिए भी महबूब अली ने एक हिंदू पर भरोसा जताया है। चौधरी महबूब अली कैसर के मीडिया प्रभारी का नाम चंदन मंडल है। चंदन मंडल MP हेल्पलाइन के जिला कोर्डिनेटर भी हैं। सांसद के सारे प्रेस नोट जारी करने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। इतना ही नहीं महबूब अली के कई सांसद प्रतिनिधि भी हिंदू धर्म से ही ताल्लुक रखते हैं।
महबूब अली के इसी धर्मनिरपेक्ष स्वभाव का नतीजा है कि वह हर दिल अजीज बन गए हैं। हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने एक साक्षात्कार के दौरान महबूब अली से पूछा कि क्या आपको नहीं लगता कि मुसलमानों के रहने के लिए भारत अब सेफ नहीं है? इस पर महबूब अली ने बड़े ही सरल और तार्किक अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि पूरी दुनिया भर के मुस्लिम देशों के मुकाबले हिंदुस्तान मुसलमानों के लिए सबसे सेफ जगह है। उन्होंने इसकी वजह भी गिनाईं।
हिंदुस्तान को आज महबूब अली कैसर जैसे नेताओं की ही जरूरत है जो हिंदू मुसलमान के नाम पर इस देश के टुकड़े ना होने दें। हिंदुस्तान में जहां आज ओवैसी जैसे मजहब के नाम पर नफरत फैलाने वाले नेता हैं तो वही महबूब अली कैसर जैसे धर्मनिरपेक्ष नेता भी हैं जिनकी बदौलत आज हिंदुस्तान का हिंदू व मुसलमान आपसी प्रेम और भाईचारे से रह पाता है। हिंदुस्तान को मजहबी सियासत के नाम पर बांटने वाले नेताओं को आज महबूब अली कैसर से सबक लेने की जरूरत है। अगर आज हिंदुस्तान के सभी नेता महबूब अली कैसर की तरह हो जाएं तो इस देश में कभी हिंदू मुस्लिम के नाम पर दंगे नहीं होंगे और हिंदुस्तान दुनिया का सबसे खूबसूरत मुल्क बन जाएगा।

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