नई दिल्ली| अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनाए जाने से यहां के संत भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार से खासे नाराज हैं| उस पर मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान ने आग में घी का काम किया है जिसमें नकवी ने कहा है कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी का एक मात्र चुनावी एजेंडा विकास होगा| हिंदुत्व और राम मंदिर जैसे मुद्दों के लिए इसमें कोई जगह नहीं है|
नकवी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अयोध्या के संत और श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमलनयन दास ने कहा कि विकास के मुद्दे पर पहले भी बीजेपी ने चुनाव लड़ा था, उसकी क्या स्थिति हुई यह सबको पता है, भाजपा सिर्फ 2 सीटों पर सिमट गई थी| 2014 में प्रभु श्रीराम की कृपा से उसे सत्ता हासिल हुई थी. प्रभु राम ने तो उन्हें सत्ता में पहुंचा दिया लेकिन उन्होंने श्री राम मंदिर के लिए कुछ नहीं किया|
इससे संतों में नाराजगी बढ़ती जा रही है| उन्होंने कहा कि 25 और 26 जून को संत सम्मेलन में देश और दुनिया भर के संत जुटेंगे और इसमें श्री राम मंदिर निर्माण और भारतीय जनता पार्टी की भूमिका पर विचार किया जाएगा| वहीं सम्मेलन में ही यह निर्णय भी लिया जाएगा कि आगे क्या करना है, भारतीय जनता पार्टी का 2019 में साथ देना है या उसके खिलाफ आंदोलन करना है|
इससे पहले महंत परमहंस दास ने भी कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी को दोबारा 2019 में सत्ता में आना है तो वह राम मंदिर का निर्माण करवाएं वरना हम आंदोलन करके यह सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी किसी भी सूरत में केंद्र की सत्ता में ना आ पाए|