एजाज अंसारी, मधुबनी
हरलाखी थाना इलाके के उमगांव पीएचसी में करंट से झुलसे एक किशोर ने इलाज के अभाव में अस्पताल बेड पर तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। दरअसल इलाज के दौरान समय पर अस्पताल में एक भी चिकित्सक नहीं मिले। इस पूरे मामले में परिजनों ने पीएचसी में चिकित्सकों के नहीं मिलने से इलाज के अभाव में मौत होने का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, घटना दरअसल उमगांव बाजार चौक स्थित भेरिहर टोल में हुई। हालांकि मृतक की पहचान इसी थाना इलाके के नहरनियाँ गांव निवासी ईद मोहम्मद के 17 वर्षीय पुत्र मो. अतिकुल के रूप में की गई। परिजनों ने बताया कि मृतक उमगांव स्थित भेरिहर टोल में अपने नाना-नानी के घर में बिजली वायरिंग संबंधी कार्य कर रहा था। इसी दौरान उसे बिजली का झटका लग गया और उसे घायल अवस्था मे इलाज के लिए उमगांव पीएचसी में लाया गया। जहां डॉक्टरों की अनुपस्थिति के करण अस्पताल बेड पर ही किशोर ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
पीएचसी में समय पर किसी चिकित्सक के न मिलने से किशोर की मौत अस्पताल बेड पर ही हो गई। परिजनों का कहना है कि मृतक के मौत के बाद एक डॉक्टर आए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और हंगामा करने लगे। हंगामे की वजह से पीएचसी प्रभारी अपने आवास में जाकर छुप गए।
लोगों का कहना है कि यदि समय पर चिकित्सक आ जाते और किशोर का इलाज होता तो उसकी जान बच सकती थी। इस दौरान घटना से आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों ने पीएचसी के चिकित्सकों के विरोध में जमकर हंगामा किया। अस्पताल के प्रभारी उमेश प्रसाद सिंह व अन्य कर्मी अस्पताल परिसर से भागकर अपने अपने आवास में छुप गए और परिजनों से वार्ता करने भी नहीं पहुंचे। हंगामे की सूचना मिलते ही हरलाखी थानाध्यक्ष संजय कुमार पुलिस बल के साथ पीएचसी पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर हंगामा शांत कराया।
थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। इसलिए आपसी सहमति पर परिजनों को शव सौंप दिया गया।