नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
एक ट्रेवल एजेंट द्वारा सात लाख की ठगी के मामले में पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है| यह आरोप पीड़ित व्यक्ति के रिश्तेदार और समाज सेवक ने लगाया है| रेल मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता नौरत्न गुप्ता ने बताया कि उनके रिश्तेदार विवेक पटेल अमेरिका में रहते हैं| विवेक ने गु 2 जनवरी 2018 को एक पत्र भेजा था| पत्र में विवेक ने लिखा था कि वह 24 दिसंबर 2017 को अमेरिका से भारत आना चाहते थे| इसके लिए उन्होंने Google की एक वेबसाइट पर अपने पूरे परिवार की टिकट सात लाख रुपये में बुक कराई लेकिन ट्रेवल एजेंट ने बाद में सभी टिकट कैंसिल कर दी| Google की वेबसाइट से उन्हें पता चला कि टिकट बुक करने वाले ट्रेवल एजेंट का नाम संचित कोहली है और उसका ऑफिस 502 DDA फ्लैट बदरपुर में है| आगे जांच करने पर पता चला कि ट्रेवल एजेंट संचित कोहली बदरपुर में इसी फ्लैट में रहता है और उसने अपनी पूरी डिटेल वेबसाइट पर डाली हुई है| इसके बाद 12 जनवरी 2018 को गुप्ता ने बदरपुर थाने में ट्रैवल एजेंट संचित कोहली के खिलाफ शिकायत दी| उन्होंने थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह से मुलाकात कर उन्हें मामले की पूरी जानकारी दी इसके बाद केस जांच के लिए एडिशनल एसएचओ सतीश चंद्र को सौंपा गया| इसके बाद सतीश चंद्र में ट्रेवल एजेंट की मां बाप को बुलाकर पैसे लौटाने को कहा| उसके परिवार वालों ने गुनाह कबूल करते हुए पैसे लौटाने की बात कहकर कुछ वक्त मांगा| गुप्ता ने आरोप लगाया कि कुछ समय बाद जब वह सतीश चंद्र के पास पैसा वापस करने की मांग को लेकर गए तो सतीश चंद्रा ने उनसे कहा कि पैसा दिलवाने पर उन्हें कितना प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा| गुप्ता ने एडिशनल एसएचओ सतीश चंद्रा से कहा कि यह तो उनके रिश्तेदार के पैसे हैं और इसमें वह कोई हिस्सा नहीं दे पाएंगे| आरोप है कि इसके बाद से केस में ढील दी जाने लगी| थाना पुलिस की ओर से कोई उचित कार्रवाई नहीं करने पर गुप्ता 26 फरवरी 2018 को डीसीपी-2 साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट अमित शर्मा के पास गये| अमित शर्मा ने मामले को सुनने के बाद उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले में वह जांच के बाद ही कार्रवाई करने का आदेश देंगे लेकिन 4 महीने होने को है फिर भी पुलिस ने आज तक FIR दर्ज नहीं की है| गुप्ता नहीं मामले पर कार्रवाई करने की मांग की है|
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