नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की शक्ति के बावजूद अवैध कॉलोनियों का काला खेल धड़ल्ले से चल रहा है| जालंधर डेवलपमेंट अथॉरिटी के बेलगाम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों के हौसले बुलंद हैं| ताजा मामला फगवाड़ा के गांव पलाही का है|
बता दे कि गांव फलाही में कुछ समय पहले एक कॉलोनाइजर ने अवैध कॉलोनी काटी थी| पुडा को जब इसकी शिकायत मिली तो तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी जयइंदर सिंह के निर्देश पर उक्त कॉलोनाइजर को नोटिस भेजा गया| नोटिस तो चला गया लेकिन नोटिस के आगे की कार्रवाई कागजों से बाहर नहीं निकल पाई| बस यहीं से शुरू हुआ हुडा अधिकारियों और कॉलोनाइजर के बीच सेटिंग का काला खेल|
दरअसल, पलाही गांव में मेन रोड पर स्कूल से पहले लगभग दो – तीन एकड़ के एरिया में अवैध कॉलोनी काटी गई है| इस पर प्रॉपर्टी डीलर ने अपना दफ्तर भी बना रखा है| ना तो कॉलोनी में कोई पार्क छोड़ा गया है और ना ही कॉलोनी के अन्य नियमों का पालन किया गया है| मेन रोड पर होने के कारण इस कॉलोनी में प्लॉटों की कीमत भी काफी ऊंची रखी गई है| कॉलोनी में सड़कों का काम और निशानदेही का काम लगभग पूरा हो चुका है| कॉलोनी के फ्रंट पर बने प्रॉपर्टी डीलर के कार्यालय की दीवार पर मोबाइल नंबर लिखे गए हैं जिन पर संपर्क करके प्लॉट की खरीद बिक्री की जा सकती है| यहां 3 मरले से लेकर 5 मरले तक के प्लॉट उपलब्ध हैं|
https://youtu.be/mUg6gkzSh-k
यह एरिया पुडा के एक्सईएन रणबीर सिंह के कार्य क्षेत्र में आता है| नोटिस देने के बाद रणबीर सिंह ने यहां मुड़कर नहीं देखा| इस संबंध में जब कॉलोनाइजर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुरानी कॉलोनी को नोटिस दिया था उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की है| मैंने कॉलोनी के लिए अप्लाई तो किया था लेकिन वह कॉलोनी पास नहीं हुई है| पुडा अधिकारियों से मेरी बात हो चुकी है| अब मेरी कॉलोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती| पुडा के अधिकारियों से मेरी पूरी सेटिंग हो चुकी है|
सूत्र बताते हैं कि इस कॉलोनी को नोटिस भेजने के बाद रणबीर सिंह ने रिश्वत की मोटी रकम वसूल की थी जिसके चलते उन्होंने कॉलोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
इस संबंध में जब एक्सईएन रणबीर सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका| उन्हें WhatsApp से कॉलोनी की तस्वीर और शिकायत भेजी गई लेकिन उन्होंने इस संबंध में अपना वर्जन देना जरूरी नहीं समझा| अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन कर अपना पक्ष दे सकते हैं| हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे|