नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
टर्बन ट्रैवलर (पगड़ी वाले यात्री), श्री अमरजीत सिंहं चावला ने दिल्ली से लंदन तक की 36,500 किलोमीटर की सड़क यात्रा – 30 देशों से होते हुए 131 दिनों में पूरी की। इस दौरान वे दुनिया के 150 शहरों से गुजरे। सपनों के अपने इस अभियान को वे 40 साल से संजोए हुए थे।
अपनी यात्रा के दौरान वे नेपाल, चीन, किर्गीस्तान, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूसपोलैंड, लिचटेनसटिन, ऑस्ट्रिया इस्टोनिया, लिथुआनिया, लैटविया, स्वीडन नॉर्वे, जर्मनी, स्विटजरलैंड, बेल्जियम, चेक गणराज्य, हंगरी, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, लक्जमबर्ग, मोनाको, फ्रांस, नीदरलैंड, डेनमार्क और यूके के 150 शहरों से होते हुए आखिरकार 131 दिनों बाद लंदन पहुंचे।
इस यात्रा के पीछे उनका मकसद लोगों से अपना सपना जीने के लिए कहना है। उनका मानना है कि सपने अच्छे होते हैं और दुनिया में ढेर सारी नकारात्मकता के बावजूद हमें सपने देखना नहीं छोड़ना चाहिए।
अगर आप पूरे लगन से सपने को सच बनाने के लिए काम करें तो सपने सच हो सकते हैं। इसमें समय लग सकता है पर अगर आपको सपने से प्रेम और लगाव हो तथा हिम्मत और आत्मविश्वास हो तो कोई भी सपना ऐसा नहीं है जिसे पूरा नहीं किया जा सके।
इस यात्रा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रेरक था और इस यात्रा के दौरान वे खुद को जान पाए। उन्होंने पाया कि दुनिया में काफी सकारात्मकता है और हमें सिर्फ इस बारे में ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है। जब आप सकारात्मक चीजें देखना शुरू करते हैं तो नकारात्मकता खुद को तस्वीर से अलग कर लेती है।
अगर आप अच्छे और सकारात्मक हैं तो आपके साथ के लोग आपको इसी के लिए पसंद करेंगे। आप जो हैं, जो करते हैं उसके लिए। वे इस बात की परवाह नहीं करेंगे के आपके पास क्या है और वे आपको आप जो हैं उसी रूप में स्वीकार करेंगे।
श्री चावला कहते हैं, “अपनी यात्रा में मुझे कोई भी बुरा अनुभव नहीं हुआ। जादुई ईश्वर हर क्षण, हर मौके पर मेरी सहायता में थे तथा वे चीजों को मेरे लिए आसान और संभव बना रहे थे।
इस यात्रा के दौरान मेरी मुलाकात 700 से ज्यादा लोगों से हुई और 300 से ज्यादा लोगों ने कार पर दस्तखत किए हैं। इनमें हॉलीवुड स्टार से लेकर नेता, राजदूत, आम आदमी सब शामिल हैं।” एक यादगार मुलाकात पांच साल के बच्चे से हुई जो मानसिक तौर पर विकलांग था। मेरी कार देखकर वह इतना खुश हुआ कि उसका उत्साह देखकर मेरा उत्साह भी बढ़ गया। वह मेरी यात्रा को लेकर उत्साहित था। हर कोई आपको कुछ ना कुछ सीखाता है उस बच्चे ने मुझे हर चीज में खुशी पाना सीखाया, जब यह आपकी नहीं हो तब भी। यात्रा से उसे खुशी हुई और संतोष मिला। अनजाने ही वह इस यात्रा का भाग बन गया और मैं उसकी अनकही यात्रा का।
लंदन पहुंच कर पगड़ी वाले यात्री शाही परिवार से आमने-सामने की मुलाकात करना और कार पर उनके हस्ताक्षर लेना चाहते हैं क्यों महारानी से मिलना और उनकी झलक पाना लाखों लोगों का सपना है। गंतव्य पर पहुंचकर यात्रा समाप्त नहीं होती है। वह ठहरती है ताकि हम नई यात्रा की योजना बना सकें। और उसकी शुरुआत कर सकें।
इस व्यक्ति का एक सपना था। उसे यात्रा करनी थी और सबके दिल पर राज करना था और लोगों को बताना था कि आपके सपने पूरे होने के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। सपने तभी सच होंगे जब आप उन्हें सच करना चाहेंगे।
उम्र सिर्फ संख्या है जो आपका है उसे हासिल करने और जीतने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। अब वे उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका की यात्रा की योजना बना रहे हैं। यह छह महीने की होगी और उसी कार में अप्रैल 2019 में शुरू होगी।