राजस्थान

न्यू इंडिया के सौ बरस हुए पूरे अब दफना देने की जरूरत…

Share now

अशोक जैन, भीलवाड़ा

दी न्यू इंडिया एश्योरेन्स कम्पनी द्वारा भारत में सौ बरस पूरे करने का दावा किया जा रहा है।दावे का सच यह है कि कंपनी ने सौ बरस पूरे कर लिए अतः कामकाज में लचर होने से इसका दफन या क्रियाकर्म कर देना चाहिए।
इसके पीछे वजह यह है कि कं से एक मारूति वैगन आर कार सं.RJ06-CB-O876 मालिक लक्ष्मण दास बजाज ने पिछली पालिसी नं 004632 के द्वारा ऑनलाईन बीमा 26-01-18 को करवाया जिसे 25-1-19 की आधी रात को खत्म होना है।बीमे की रसीद सं31030081170000096132 दि.25-1-18 है।

पांच महीने पहले जुलाई में बजाज ने कार बेच दी।नए खरीददार ने परिवहन दफ्तर से अपने नाम ट्रांसफर भी करा ली। तब से इस कार का बीमा नए खरीददार के नाम ट्रांसफर करने के लिए 2 बार इंस्पेक्शन राशि वसूलने फिर तीसरी बार निरीक्षण के लिए सर्वेयर को भेजने के बाद भी बीमे में नाम नहीं बदला गया। कम्पनी के स्थानीय शाखा के प्रबंधक ने अदालत में जाने की सलाह के साथ यह भी कहा कि बीमे के खत्म होने में दिन कितने बचे हैं? नया ही करवालो।
कंपनी मुख्यालय दिल्ली को शिकायतें मेल की गई पर कोई जवाब नहीं मिला।बीमा कंपनी के नियामक आयोग में भी राम राज्य ही कायम है।
अब सवाल यह कि कार का बीमा क्यों कराया जाता है?पैसा लेकर भी बीमा कंपनी के इस आचरण के लिए मुकदमा ही क्या आखिरी रास्ता है?और बड़ी बात,बीते पांच माह में किसी तरह के जानमाल के नुकसान का जिम्मेदार किसे माना जाता?आर्थिक क्षति को किसे भुगतना पड़ता?मानसिक संत्रास के लिए क्या सौ बरस पुरानी बीमा कंपनी जिम्मेदार नहीं है?
सेवा में दोष की लापरवाही के लिए ऐसी बीमा कम्पनी अगर फिर भी उपभोक्ता को राहत न दे पाए तो उसका दफन होना ही हितकर नहीं होगा?

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *