नीरज सिसौदिया, जालंधर
लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में सभी दल जुटे हुए हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेशनाथ ने बहुत ही महत्वपूर्ण
भविष्यवाणी की है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज ग्रह और हम में डाली पोस्ट. में लिखा है कि राहू और केतु के राशि परिवर्तन मंगल के कारक रूप में मेष, वृष, मिथुन में गमन करने की स्थितियां भाजपा और उसके सहयोगी दलों को भारी प्रोत्साहन देती दिख रही हैं। विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों से भारी विजय की उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी द्वारा क्षेत्रीय दलों खासकर पहाड़ी और दूरगामी क्षेत्रों में बीजेपी के संपर्क अभियान को तेज गति से बनाए रखा।
किसे कितनी मिलेंगी सीटें
-11 मई को होने वाले 91 सीटों में भाजपा गठबंधन को 66 और महागठबंधन को 25
-18 मई को 97 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 58 महागठबंधन को 39
-23 अप्रैल को 115 सीटों में भाजपा गठबंधन को 69 महागठबंधन को 46
-29 अप्रैल को 71 सीटों में भाजपा गठबंधन को 36 महागठबंधन को 35
-6 मई को 51 सीटों में भाजपा गठबंधन को 40 सीटें और महागठबंधन को 11
-12 मई को 59 सीटों में भाजपा गठबंधन को 39 सीटें और महागठबंधन को 20
-19 मई को 59 सीटों में भाजपा गठबंधन को 48 और महागठबंधन को 11 सीटें
इस प्रकार 543 सीटों की बात करें तो भाजपा व उसके क्षेत्रीय सहयोगी दलों
को 357 सीटें मिल सकती हैं। वैसे किसी व्यक्ति विशेष के अपने निकृष्ट
ग्रहों के कारण यह गणना 5 प्रतिशत तक ऊपर नीचे हो सकती है। उन्होंने
बताया कि ये सब सब ज्योतिष गणना, अध्यात्म योग, ब्रह्म योग के द्वारा
बनाए गए आंकड़े हैं।
सर्वे में दावा, आसानी से सरकार बना लेंगे मोदी, इतनी मिलेंगी सीटें
उधर, आईएएनएस के लिए सीवोटर द्वारा किए गए सर्वेक्षण द स्टेट ऑफ द नेशन
मार्च 2019 वेव 2 राष्ट्रीय राजनीति के दो मुख्य ध्रुवों राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के इस
साल के आम चुनाव के लिए संभावित वोट प्रतिशत को दिखाता है। भाजपा की
अगुवाई वाले राजग के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर 42 फीसदी
वोट हासिल करने में मदद करेगा, जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले संप्रग को
चुनाव पूर्व गठबंधन से 30.4 फीसदी वोट प्राप्त होगा। सीवोटर स्टेट ऑफ द
नेशन मार्च 2019 वेव 2 जनमत सर्वेक्षण को 24 मार्च को जारी किया गया। यह
इस सप्ताह के 10,280 के नमूना सर्वेक्षण पर आधारित है और यह एक जनवरी से
543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 70,000 उत्तरदाताओं के संग्रह पर
आधारित है।