उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में इनर लाइन परमिट सिस्टम लागू करवाने की मांग जोरों पर

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पाटी / चम्पावत – मंगलवार यानी 23 जुलाई को चम्पावत में इनर लाइन परमिट सिस्टम की मीटिंग आयोजित की गयी जिसमें उत्तराखंड राज्य में इनर लाइन परमिट सिस्टम , अनुच्छेद 371 , मूल निवास 1951 भूअध्यादेश लागू करवाने की माँग के संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया , जिसकी प्रतिलिपि प्रधानमन्त्री , गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को सौंपी गयी , बैठक की अध्यक्षता जॉइंट एक्शन कमेटी फ़ॉर इनर लाइन परमिट सिस्टम के संरक्षक उत्तराखंड के संरक्षक राजेन्द्र गड़कोटी ने की जिसमें जिले भर के सदस्यों ने प्रतिभाग किया , पत्रकार वार्ता के दौरान संरक्षक गड़कोटी ने कहा कि हम उत्तराखंड के मूल निवासी हैं औऱ कई पीढ़ियों से निवास करते आये हैं लेकिन आज मूल निवासियों के कोई अधिकार नहीं रहे , हम अपनी ही भूमि में दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह गये हैं , उत्तराखंड के लोगों के लगातार पलायन करने के बावजूद भी उत्तराखंड में धड़ल्ले से जनसँख्या वृद्धि होना दूसरे राज्यों के लोगों का आसानी से प्रवेश कर जाना है , इससे एक दिन ऐसा हो जायेगा कि उत्तराखंड के मूल निवासियों की संख्या सीमित रह जायेगी जिससे उत्तराखंड की बोली – भाषा , रीति – रिवाज , संस्कृति का ह्रास होता जा रहा है , बताते चलें कि इससे पूर्व भी इनर लाइन जौलजीबी व देहरादून में भी इनर लाइन परमिट सिस्टम की मांगों ने जोर पकड़ा था.

इधर सनातन जागरण सेना के राष्ट्रीय प्रचारक सुनील जोशी ने इनर लाइन परमिट सिस्टम का समर्थन करते हुए कहा कि हमें अपनी पहचान बचाये रखने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है इससे ये साफ़ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं सिस्टम में खामियाँ हैं भविष्य में सनातन जागरण सेना भी एक विशेष रणनीति के साथ कार्य करते हुए इनर लाइन परमिट सिस्टम को लागू करवाने में सहयोग करेगी !

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