जीवन अमिट है क्षण-क्षण में हमको सिखलाने वाले
ईश्वर हमको प्रतिपल प्रतिदिन राह दिखाने वाले
अमिट, अविनाशी, अमोघ वरदायिनी गंगा के स्वामी
जग प्रतिपल तुमको रहा निहार, अहेतु कृपा दिखा दो स्वामी
डॉक्टर स्वयं कोरोना देश में ग्रसित हो गये हैं तो
हम नश्वर तुम हो ईश्वर ये हमको बतलाना होगा
इस भीषण विपदा में तो प्रभु अब तुमको आना होगा
हर पल हर दिन शुभता का एहसास करा दो स्वामी
जग प्रतिपल तुमको रहा निहार, अहेतु कृपा दिखा दो स्वामी
हे स्वामी दीनबंधु अगणित अपराध जगत से हो गये हैं
नित नवीन जीवन सत्य की खोज में ओझल हो गये हैं
अब नवनयनों को कुटिल दृष्टि से आप बचा लो स्वामी जीवन के पथ पर भारत विश्व विजेता बनकर उभरे
काटो सारे पाप शुभता को उगा दो स्वामी
सब अनुज अनुज हो गये
अब तो जीवन दुख व्योम सहारा दुआ
यदि अब भी नाथ न आओगे तो कैसे निभेगी स्वामी बालक की करुण पुकार में हृदय द्रवित माँ का हो जाता है
अब तुम ही मात-पिता हमारे, शुभ दृष्टि दिखा दो स्वामी
भारत को विश्व गुरु बनाने की तुमने ही कल राह दिखायी थी
अब विश्व विजेता बने सहज से, ये वरध दिखा दो स्वामी, जग प्रतिपल तुमको रहा निहार..
– डा. निशा शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, इनवर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली (यूपी)