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क्या एक सास कर पाएगी अपनी भविष्य की बहू की परवरिश…?, जी टीवी लेकर आ रहा है ये नया शो, पढ़ें पूरी खबर

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पूजा सामंत, मुंबई

ज़ी टीवी ने पिछले 30 वर्षों से हमेशा अपने दर्शकों को ऐसी कहानियां दिखाईं जो उनके दिलों में बस गईं और अब एक बार फिर यह चैनल क्योंकि … सास मां, बहू बेटी होती है नाम का एक ऐसा बेमिसाल शो पेश करने जा रहा है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यह शो दर्शकों को गुजरात के माहौल में ले जाएगा, जहां धूमधाम से चल रहे नवरात्रि के शानदार उत्सव के बीच सूरत के राजगौर परिवार में एक तूफान उठने वाला है, जब इस घराने की सबसे छोटी बहू हेतल एक बहू की पारंपरिक भूमिका निभाने से इंकार कर देती है और परिवार से अलग होना चाहती है। इस परिवार में अचानक आए इस मोड़ से परिवार की सबसे बड़ी बहू अंबिका टूट जाती हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा अपने परिवार को बांधे रखा है। अंबिका अपनी देवरानी हेतल की इस सोच को मानने से इंकार कर देती हैं कि ‘सास कभी मां और बहू कभी बेटी नहीं बन सकती’! और इसी सोच को गलत साबित करने के लिए अंबिका एक अनोखा कदम उठाती हैं, जहां वो उनके परिवार के अनाथ आश्रम के दरवाजे पर छोड़ी गई एक नन्हीं बच्ची को गोद लेती हैं और यह फैसला करती हैं वो केसर की परवरिश एक बेटी की तरह नहीं बल्कि एक बहू के तौर पर करेगी, जो पूरे परिवार को साथ रख सके। गुरुदेव भल्ला स्क्रीन्स एलएलपी के निर्माण में बना यह दिलचस्प शो अब दर्शकों को बांधने आ रहा हैं। इसका प्रीमियर 18 सितंबर को होने जा रहा है और इस प्रसारण हर रोज शाम 6:30 बजे सिर्फ ज़ी टीवी पर होगा।

मानसी जोशी रॉय और नविका कोटिया जैसे शानदार कलाकारों से सजी यह कहानी सूरत के खूबसूरत शहर में रची-बची है। इसमें मानसी जोशी रॉय इरादों की पक्की एक बड़ी बहू का रोल निभाएंगी, जो इस सिद्धांत में यकीन रखती हैं कि ‘नए विचारों के साथ आगे बढ़ना अच्छा है, लेकिन हमें अपने बरसों से चले आ रहे संस्कारों को कभी नहीं भूलना चाहिए’। वो केसर की छोटी उम्र में ही उसे गोद ले लेती हैं और उन्हें उम्मीद है कि जब केसर बड़ी हो जाएगी और खुद के लिए फैसला ले सकेगी, तो वो उसकी सहमति से उसकी शादी अपने बेटे से करा देगी। नविका कोटिया इससे पहले फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश‘ में अपने रोल के साथ एक खास असर छोड़ चुकी हैं और इस शो में वो केसर का रोल निभाएंगी, जो बड़ी होकर एक प्यारी लड़की बनती है। केसर बहुत महत्वाकांक्षी है, लेकिन वो अपने और अपने परिवार के सपनों के बीच संतुलन बनाना बहुत अच्छी तरह जानती है। इतना ही नहीं, वो कभी हार ना मानने का हौसला रखती है क्योंकि वो मानती है कि ‘या तो जीत लोगे या सीख लोगे’।

जहां क्योंकि… सास मां, बहू बेटी होती है अपने पहले प्रोमो के बाद से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, वहीं हाल ही में मुंबई में यह शो लॉन्च किया गया, जिसमें मीडिया को इस शो के सेट का अनुभव कराया गया। इस दौरान कलाकारों ने अंबे मां की महाआरती के साथ एक शुभ शुरुआत की। इसके बाद लीड कलाकारों ने मीडिया को सेट का दौरा कराया। यह शानदार अनुभव स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ जारी रहा, जहां मौजूद लोगों को पारंपरिक गुजराती थाली और सूरत के स्थानीय व्यंजनों का स्वाद परोसा गया।

ज़ी टीवी की बिज़नेस हेड अपर्णा भोसले ने कहा, ‘‘हमारा अगला फिक्शन शो एक सशक्त महिला द्वारा उठाए गए एक अभूतपूर्व कदम के इर्द-गिर्द घूमता है, जो एक बच्ची को गोद लेकर उसकी परवरिश एक बेटी के रूप में नहीं बल्कि अपनी भविष्य की बहू के रूप में करती हैं। वो चाहती हैं कि वो केसर को ऐसे गुण सिखाएं ताकि वो आगे चलकर एक आदर्श बहू बने और पूरे परिवार को एक साथ रखे। हमारा यह शो पारिवारिक मूल्यों और भावनाओं में गहराई से उतरता है, जो हमारी भारतीय संस्कृति का आधार हैं। हमें उम्मीद है कि यह कहानी दर्शकों से जुड़ जाएगी।”

गुरुदेव भल्ला स्क्रीन्स एलएलपी के प्रोड्यूसर गुरुदेव कहते हैं, ‘‘यह ज़ी टीवी के साथ हमारा पहला एसोसिएशन है और हमें यह ताजातरीन कॉन्सेप्ट पेश करते हुए बेहद खुशी हो रही है। क्योंकि… सास मां, बहू बेटी होती है एक बेहद जज़्बाती फैमिली ड्रामा है, जहां एक मां एक बच्ची को अपनी बेटी नहीं बल्कि उसके बड़े होने पर अपनी बहू बनाने के लिए गोद लेती है। यह कहानी दिखाती है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि वो इतना अनोखा कदम उठाती हैं और अपनी तरह के इस पहले फैसले के बाद आगे क्या होता है। मानसी जोशी रॉय, गोपी देसाई और डॉल्फिन दुबे जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ इस शो में कुछ जोरदार परफॉर्मेंस हैं, जो महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। साथ ही नविका कोटिया हमारे शो की लीडिंग लेडी के रूप में एक दमदार डेब्यू करने जा रही हैं। हमें उम्मीद है कि इस नई कहानी के साथ हम अपने दर्शकों का दिल छू लेंगे और उनका भरपूर मनोरंजन करेंगे।”

मानसी जोशी रॉय ने कहा, ‘‘मैं क्योंकि… सास मां, बहू बेटी होती है जैसे अनोखे शो में मुख्य किरदार निभाने को लेकर बेहद खुश हूं। अंबिका के कई पहलू हैं। यह लेखक के द्वारा गढ़ी गई भूमिका है, जिसे हर एक्टर निभाना चाहता है क्योंकि यह एक परफॉर्मर के रूप में आप में निखार लाता है। अंबिका जिन भावनाओं से गुजरती हैं, इससे अंबिका के पूरे सफर के दौरान दर्शक उनके साथ रहेंगे। एक एक्टर के तौर पर मैं अंबिका के किरदार में उतरने के लिए बेहद उत्साहित हूं।”

नविका कोटिया ने कहा, ‘‘मैं इस शो के साथ अपना पहला लीड रोल निभाने को लेकर उत्साहित हूं और मैं अपनी प्रोडक्शन टीम के साथ-साथ ज़ी टीवी की भी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे यह मौका दिया। केसर का रोल निभाना वाकई मजेदार है क्योंकि काम और पर्सनल लाइफ के बीच बैलेंस बनाने के मामले में मैं असल जिं़दगी में भी उसके जैसी हूं। टेलीविजन पर इस कॉन्सेप्ट को इससे पहले कभी नहीं आज़माया गया और मुझे यकीन है कि दर्शक इस शो के किरदारों के साथ-साथ इससे जुड़े संदेश से भी जुड़ेंगे कि हर मां और बहू अंत में मां-बेटी की तरह हो सकती हैं।”

गहरे जज़्बातों और नाजुक इंसानी रिश्तों की डोर से बंधा ‘क्योंकि… सास मां, बहू बेटी होती है’ यकीनन दर्शकों को उनके टीवी स्क्रीन्स से बांध लेगा। देखिए यह शो 18 सितंबर से, रोज शाम 6:30 बजे, सिर्फ ज़ी टीवी पर!

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