गुलमर्ग (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में बृहस्पतिवार को हिमस्खलन की चपेट में आकर एक रूसी स्कीयर की मौत हो गई, जबकि एक स्थानीय गाइड सहित सात लोगों को बचा लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हिमस्खलन ने ‘आर्मी रिज’ के नजदीक अफरवात चोटी के खिलानमार्ग को अपराह्न दो बजे अपनी चपेट में ले लिया और भीषण बर्फ में कई स्कीयर दब गए। पुलिस के मुताबिक, सात रूसी नागरिकों का समूह एक स्थानीय गाइड के साथ आर्मी रिज के उस क्षेत्र में चला गया, जहां स्की नहीं की जा सकती तथा जो हिमस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील होता है। गुलमर्ग पुलिस थाना के प्रभारी हारून कर ने बताया, ‘‘उस इलाके में पहले ही हिमस्खलन की चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद वे (लोग) उस इलाके में गए और दुर्भाग्य से एक स्कीयर की मौत हो गई।”
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी, सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के गश्ती दल फंसे हुए स्कीयर को बचाने के लिए सयुंक्त रूप से अभियान चला रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान रूस के मॉस्को निवासी हेंटेन के तौर पर की गई है और उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तंगमार्ग उप-जिला अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि बचाए गए लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और एक विदेशी को विशेष इलाज के लिए श्रीनगर स्थानांतरित किया गया है। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, इस घटना की वजह से ‘चौथा खेलो इंडिया’ शीतकालीन खेल प्रभावित नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद की सचिव नुजहत गुल ने कहा कि गुलमर्ग में चल रहे ‘चौथे खेलो इंडिया’ शीतकालीन खेल में शामिल हो रहे सभी खिलाड़ी सुरक्षित हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘गुलमर्ग के खिलानमार्ग में हिमस्खलन के बावजूद ‘खेलो इंडिया’ के सभी खिलाड़ी सुरक्षित हैं…सभी प्रतिस्पर्धाएं तय कार्यक्रम के तहत हो रही हैं।” शीतकालीन खेलों की शुरुआत बुधवार को हुई थी और इसका समापन रविवार को होगा। खेल परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला स्वयं बुधवार को गुलमर्ग में स्कीइंग कर रहे थे। उन्होंने सभी स्कीयर की सलामती की प्रार्थना की है। पिछले साल भी फरवरी में गुलमर्ग में हिमस्खलन की घटना हुई थी, जिसमें पोलैंड के दो स्कीयर की मौत हो गई थी, जबकि करीब एक दर्जन लोगों को बचा लिया गया था। गुलमर्ग में हिमस्खलन सामान्य घटना है। वर्ष 2010 में सेना के कम से कम 17 जवान उस वक्त मारे गये थे, जब अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध लड़ने का प्रशिक्षिण देने वाला एक प्रशिक्षण स्कूल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।