नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली/बरेली
26 सितंबर को बरेली में जुमे की नमाज़ के बाद हुई घटना के संबंध में अधिकारियों से मिलने और पीड़ितों का हाल जानने के लिए आ रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के 14 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को बरेली आने की अनुमति नहीं दी गई। प्रशासन ने सभी सदस्यों को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया।
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिये तानाशाही कर रही है जो संविधान की मूल भावना पर प्रहार है। श्री यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। संविधान विरोधी और अलोकतांत्रिक कार्य कर रही है।
बरेली जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल को सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा रोका जाना निन्दनीय है। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए तानाशाही कर रही है। सरकार अपने तानाशाही रवैये से संविधान की मूल भावना पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में जा रहे प्रतिनिधिमंडल को रोका गया था। पार्टी के निर्देश पर बरेली जा रहे प्रतिनिधिमंडल को जगह-जगह रोका जाना भाजपा सरकार की नाकामी है। समाजवादी प्रतिनिधिमंडल को बरेली के डीआईजी और कमिश्नर से मिलकर वहां शांति बहाली की दिशा में प्रयास करना था। हैरानी की बात है कि बरेली के जिलाधिकारी ने निषेधाज्ञा का हवाला देकर नेता विरोधी दल और समाजवादी पाटर्ी के प्रतिनिधिमण्डल को बरेली जाने से रोक दिया। पुलिस ने माता प्रसाद पाण्डेय सहित प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों हरेन्द्र मलिक सांसद, इकरा हसन सांसद, जियाउरर्हमान बकर् सांसद, मोहिबुल्लाह नदवी सांसद, नीरज मौर्य सांसद, वीरपाल सिंह यादव पूर्व सांसद, प्रवीण सिंह ऐरन पूर्व सांसद, शिवचरन कश्यप जिलाध्यक्ष, शमीम खाँ सुल्तानी महानगर अध्यक्ष, अताउरर्हमान विधायक, शहजिल इस्लाम अंसारी विधायक, भगवत शरण गंगवार, शुभलेश यादव को भी उनके घरों में पाबंद कर दिया। यह निंदनीय और शर्मनाक है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार का व्यवहार सत्ता के दुरुपयोग के साथ पूर्णतया अलोकतांत्रिक है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सपा के महानगर महासचिव पंडित दीपक शर्मा ने बताया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने 26 सितंबर की घटना की जांच के लिए 14 सदस्यों वाला एक प्रतिनिधि मंडल गठित किया था। इस मंडल को बरेली जाकर अधिकारियों से मिलने और पीड़ित परिवारों से संवाद करना था।
लेकिन तड़के सुबह ही प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को लखनऊ स्थित उनके आवास पर बरेली के लिए रवाना होने से पहले ही नजरबंद कर दिया गया। उनके साथ मौजूद प्रदेश महासचिव एवं बहेड़ी विधायक अताउर रहमान को भी वहीं रोका गया।
इसी क्रम में प्रतिनिधि मंडल में शामिल सांसद हरेंद्र मलिक, सांसद मोहिबुल्लाह नदवी और सांसद इकरा हसन को दिल्ली बॉर्डर पर बरेली आते समय रोक लिया गया।
बरेली में जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप को उनके निवास पर कार्यकर्ताओं सहित नजरबंद कर दिया गया। वहीं, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी को रामपुर रोड स्थित उनके निवास पर हाउस अरेस्ट किया गया। विधायक शहज़िल इस्लाम को उनके फ़ार्म हाउस पर, पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार को भोजीपुरा में और प्रतिनिधि मंडल में शामिल पूर्व जिला अध्यक्ष कमलेश यादव को उनके घर पर नजरबंद रखा गया।
इस संबंध में प्रेस को जारी बयान में महानगर अध्यक्ष शमीम सुल्तानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन द्वारा प्रतिनिधि मंडल को रोकना और हाउस अरेस्ट करना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा, “हम लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर शांतिपूर्वक ज्ञापन देकर अधिकारियों से बात करना चाहते थे, लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है। हमारा उद्देश्य केवल निर्दोष और बेगुनाह लोगों के लिए न्याय की आवाज़ उठाना है।”
देर शाम प्रतिनिधि मंडल में शामिल सभी नेताओं को हाउस अरेस्ट से मुक्त किया गया। इस दौरान महानगर अध्यक्ष शमीम सुल्तानी के साथ शहर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी राजेश अग्रवाल, महासचिव पंडित दीपक शर्मा, महानगर उपाध्यक्ष राजेश मौर्या, शेर सिंह गंगवार, गोविंद सैनी, सिंपल कन्नौजिया, शहर विधानसभा अध्यक्ष हसीब खान, कैंट विधानसभा अध्यक्ष हरिओम प्रजापति, पार्षद मोहम्मद आरिफ कुरैशी, अलीम सुल्तानी, इकबाल बिल्डर, सचिव सैय्यद जमील अहमद, नाजिम कुरैशी, शिवम प्रजापति, डॉ. चाँद, रमीज़ हाशमी, फैजी अंसारी, हाजी शकील, महिला सभा की महानगर अध्यक्ष सरताज ग़ज़ल अंसारी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।