विचार

निष्ठा शर्मा की कविताएं-1, ‘छोटी सी परी’

बाबा मैं छोटी सी परी कल को हो जाउंगी बड़ी बन जाउंगी पराया ये मुझे लोगों ने चिढ़ाया बाबा आज खेलने दो मुझे कल को छोड़ जाना है तुझे बाबा कल को बदल जायेगी मेरे जीवन की नौका जब मुझको ले जाएगा एक हवा का झोंका मैं नन्ही सी चिड़िया, उड़ जाऊंगी एक दिन पता […]