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बुरे फंसे मौलाना : कोर्ट ने माना, मौलाना तौकीर रजा थे बरेली दंगों के मास्टरमाइंड, एसएसपी, आईजी और डीआईजी भी नपेंगे, पढ़ें वारंट जारी करते हुए क्या कहा अदालत ने

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नीरज सिसौदिया, बरेली

बरेली की एक अदालत ने मार्च 2010 में कुतुबखाना क्षेत्र में हुए साम्प्रदायिक दंगे के लिये इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां को ‘मास्टर माइंड’ करार देते हुए मंगलवार को उन्हें समन जारी कर आगामी 11 मार्च को तलब किया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) दिगम्बर पटेल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश /त्वरित न्यायालय (प्रथम) रवि कुमार दिवाकर ने दो मार्च 2010 को बरेली के शहर कोतवाली और प्रेम नगर थाना क्षेत्रों में हुए साम्प्रदायिक दंगे के मामले में आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां को ‘मास्टर माइंड’ करार देते हुए उन्हें समन जारी करके 11 मार्च को तलब किया है। बरेलवी मुसलमानों के बीच खासा प्रभाव रखने वाले मौलाना तौकीर अपने तल्ख बयानों के लिये जाने जाते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि बरेली के तत्कालीन मंडलायुक्त और जिलाधिकारी, बरेली जोन के पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक तथा जिले के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं शासन स्तर के उच्चाधिकारियों ने पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद मामले के आरोप पत्र में तौकीर का नाम शामिल नहीं करके दंगे के ‘मास्टर माइंड’ मौलाना तौकीर रजा का सहयोग किया, ऐसे में इस आदेश की एक प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के पास भी कार्रवाई के लिये भेजी जाए। एडीजीसी पटेल ने बताया कि दंगे के मामले में इंस्पेक्टर सुभाष यादव ने मंगलवार को अपना बयान दर्ज कराया। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अदालत ने दंगे के अन्य आरोपियों–रिजवान, दानिश, राजू, हसन, सौबी रजा, यासीन की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली। मगर अदालत ने पिछली कई तारीखों से लगातार गैर हाजिर रहने पर बाबू खां, आरिफ, अमजद अहमद, निसार अहमद, अबरार, राजू उर्फ राजकुमार और कौसर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए प्रेमनगर पुलिस को गिरफ्तार करने कर पेश करने का आदेश दिया। पटेल ने बताया कि दो मार्च 2010 को बारावफात के दिन होली का जुलूस भी निकलना था। इसी को लेकर गतिरोध शुरू हुआ। हालांकि दोनों ही जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाले गये लेकिन आरोप है कि सौदागरान के रहने वाले और आला हजरत परिवार से जुड़े आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने एक जन समूह को भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद शहर कोतवाली के कुतुब खाने से लेकर प्रेम नगर थाना क्षेत्र के कुहाड़ा पीर बाजार तक दंगा हुआ था। इस दौरान भीड़ ने पुलिस चौकी को फूंक दिया था और बहुसंख्यकों के घरों को आग के हवाले कर दिया। हालात के मद्देनजर शहर में 27 दिनों तक कर्फ्यू लगाया गया था।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर तौकीर रजा को ही बरेली दंगों का साजिशकर्ता करार देते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी और बरेली के अमन चैन के लिए मौलाना को बड़ा खतरा करार दिया था। अब कोर्ट ने भी उन्हें ही दंगों का मास्टरमाइंड करार दिया है।

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