नीरज सिसौदिया, बरेली
प्रकाश, प्रेम और आनंद के पर्व दीपावली पर जब शहर के हर कोने में दीयों की जगमगाहट थी, तब अरुणा फाउंडेशन ने इस रोशनी को उन घरों तक पहुंचाया जहां अब तक अंधेरे का बसेरा था। संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व उपसभापति अतुल कपूर के नेतृत्व में फाउंडेशन की टीम ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों के बीच जाकर दीपावली की खुशियां साझा कीं।
कुदेशिया, डेलापीर और राम जानकी मंदिर क्षेत्रों में आयोजित इस विशेष सामाजिक कार्यक्रम के दौरान अरुणा फाउंडेशन की टीम ने लगभग 150 से अधिक बच्चों में पटाखे, मिठाई और दीपावली से जुड़ी सामग्री वितरित की। इस दौरान बच्चों की आंखों में खुशी और चेहरे पर मुस्कान देखकर माहौल भावनाओं से भर गया।
“हर चेहरे पर मुस्कान लाना ही असली दीपावली है” — अतुल कपूर
संस्था के अध्यक्ष अतुल कपूर ने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं बल्कि साझा खुशियों का उत्सव है। उन्होंने कहा,
“हमारा प्रयास यह है कि समाज का कोई भी वर्ग दीपावली की खुशियों से वंचित न रहे। जब किसी गरीब बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आती है, तो वही हमारे लिए असली दीपावली होती है।”
उन्होंने आगे कहा कि अरुणा फाउंडेशन का उद्देश्य हमेशा से समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना रहा है।
“हम यह मानते हैं कि खुशियां तब तक अधूरी हैं जब तक वे सबके साथ साझा न हों। आने वाले समय में भी फाउंडेशन इसी भावना से सेवा कार्य करता रहेगा,”
उन्होंने कहा।
“इन बच्चों की आंखों की चमक ही हमारी दीवाली है” — वंदिता शर्मा
संस्था की उपाध्यक्ष वंदिता शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू कर दी गई थी। सभी सदस्यों ने मिलकर बच्चों के लिए विशेष गिफ्ट पैकेट तैयार किए जिनमें पटाखे, मिठाई, दीए और उपयोगी वस्तुएं रखी गईं। उन्होंने भावनात्मक स्वर में कहा,
“जब बच्चों ने हमें मुस्कुराकर कहा – ‘दीदी, ये मेरी पहली दीवाली है जिसमें मुझे पटाखे और मिठाई मिली’ – तब हमारी आंखें भी नम हो गईं। इन बच्चों की आंखों की चमक ही हमारी दीवाली है।”
वंदिता शर्मा ने कहा कि अरुणा फाउंडेशन का मकसद सिर्फ तात्कालिक मदद देना नहीं, बल्कि समाज में संवेदना और साझेपन की भावना को बढ़ावा देना है।
“अगर हम सब मिलकर थोड़ा-थोड़ा उजाला किसी के जीवन में कर सकें, तो पूरी दुनिया रोशन हो सकती है,”
उन्होंने कहा।
टीम का समर्पण बना प्रेरणा
इस मौके पर संस्था की ओर से पार्षद सोनिया अतुल कपूर, वंदिता शर्मा, शैफाली खंडेलवाल, मीतू अग्रवाल, मीनू शर्मा, तरुण सहानी, धर्मपाल अरोड़ा, हरीश सेठी, संजीव गर्ग, अंशिका गर्ग, स्तुति कपूर, शिवम् कपूर, आमित कपूर, मीनू कपूर, अंश कपूर सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
सभी ने मिलकर दीपावली का यह दिन बच्चों के साथ हंसी, मिठास और प्यार से मनाया। छोटे-छोटे हाथों में जब दीए और पटाखे चमके, तो ऐसा लगा मानो बरेली की हर गली में उम्मीद और प्रेम की नई किरण जग उठी हो।
अरुणा फाउंडेशन ने दिया समाज को संदेश
इस आयोजन ने यह साबित किया कि दीपावली केवल अपने घर को रोशन करने का पर्व नहीं, बल्कि किसी और के जीवन में उजाला फैलाने का अवसर भी है।
अरुणा फाउंडेशन और इसके अध्यक्ष अतुल कपूर तथा उपाध्यक्ष वंदिता शर्मा ने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि खुशियां जब बांटी जाती हैं, तभी वे सच में बढ़ती हैं।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की टीम ने सभी बच्चों के साथ दीए जलाए और यह संदेश दिया —
“दीप सिर्फ घर नहीं, दिल भी रोशन करें — यही है सच्ची दीपावली।”