नीरज सिसौदिया, बरेली
बिहार में इंडिया गठबंधन की करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को हल्के में न लिया जाए। उन्होंने बूथ से लेकर वार्ड और जिला स्तर तक पूरे संगठन को पूरी ताकत के साथ लग जाने का आदेश दिया है। अखिलेश यादव का कहना है कि किसी भी जीवित मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से कटने न पाए और नए मतदाताओं का नाम हर हाल में शामिल हो जाए।
अखिलेश यादव और सपा की चिंता की वजह साफ है। बिहार में आरजेडी ने एसआईआर को गंभीरता से नहीं लिया। कांग्रेस के पास न ठोस रणनीति थी और न ही कार्यकर्ताओं का संगठित ढांचा। यूपी में भी कांग्रेस का हाल इससे भी बुरा है। नतीजा यह कि एसआईआर के दौरान बड़ी संख्या में नाम कटे और चुनाव परिणाम पर इसका असर दिखा। बिहार में यह सब उस समय हुआ जब चुनाव लगभग सिर पर था। इसके उलट यूपी में विधानसभा चुनाव में अभी समय है, इसलिए सपा ने पहले से ही पूरी तैयारी शुरू कर दी है।
बूथ से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक एक मजबूत व्यवस्था
शहरी इलाकों में समाजवादी पार्टी ने हर बूथ की निगरानी के लिए बीएलए नियुक्त कर दिए हैं। कुछ बूथों की जिम्मेदारी वार्ड सदस्यों और सभासदों को सौंपी गई है। इसके ऊपर पार्टी ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों को लगाया है ताकि कोई कमी या चूक न रह जाए। बरेली में प्रदेश कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य और अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजीनियर अनीस अहमद खां को 100 बूथों की जिम्मेदारी दी गई है। वार्ड पार्षद शमीम अहमद अपने वार्ड के सभी बूथों पर सक्रिय हैं।
अखिलेश यादव का आरोप है कि भाजपा ने पुरानी वोटर लिस्ट के आधार पर लोकसभा चुनाव में बड़ी हार झेली, इसलिए अब वह एसआईआर के नाम पर नई वोटर लिस्ट बनवाकर अपने लिए माहौल तैयार कर रही है। सपा नेताओं का दावा है कि पार्टी नए मतदाताओं को जोड़ने के अभियान में भी तेजी से लगी है। जिन लोगों का नाम तकनीकी दिक्कतों के चलते लिस्ट में नहीं मिल रहा, उनके लिए नया फार्म भरवाकर नाम जुड़वाया जा रहा है, क्योंकि यह तरीका आसान और तेज है।
सपा को आशंका- मुसलमान और यादव मतदाताओं के नाम काटने की कोशिश
विपक्षी दलों को डर है कि यूपी में एसआईआर के बहाने बड़ी संख्या में मुसलमानों और यादवों के नाम काटने की कोशिश हो रही है। इसीलिए मुस्लिम मतदाताओं को विशेष रूप से सतर्क किया गया है। वे अपने दस्तावेज समय पर बनवाएं, इसके लिए पार्टी लगातार जागरूकता चला रही है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का आरोप है कि बिहार में जिन विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नाम काटे गए, उन्हीं क्षेत्रों में भाजपा को ज्यादा जीत मिली। यूपी में ऐसा न होने पाए, इसलिए सपा लगातार निगरानी कर रही है और शिकायतें चुनाव आयोग तक पहुंचा रही है।
अखिलेश बोले-50 हजार से ज्यादा वोट काटने की साजिश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में दावा किया कि भाजपा सरकार और निर्वाचन आयोग मिलकर उन विधानसभा क्षेत्रों में 50 हजार से ज्यादा वोट काटने की तैयारी कर रहे हैं, जहां 2024 लोकसभा चुनाव में सपा या इंडिया गठबंधन को बढ़त मिली थी। उनका कहना है कि यह जानकारी मिली है कि यूपी और पश्चिम बंगाल दोनों जगह भाजपा ने आयोग के साथ मिलकर विशेष तैयारी की है।
उन्होंने मांग की है कि यूपी में एसआईआर प्रक्रिया के लिए समय बढ़ाया जाए, ताकि किसी भी वैध मतदाता का नाम न कटे। आंकड़े बताते हैं कि जहां 2022 में भाजपा ने 255 सीटें जीती थीं, वहीं 2024 लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ 162 सीटों पर ही बढ़त ला सकी। इसके उलट सपा 2022 की 111 सीटों से बढ़कर 2024 में 183 विधानसभा क्षेत्रों में आगे निकल गई। कांग्रेस भी सिर्फ दो से बढ़कर 40 विधानसभा क्षेत्रों में आगे रही।
अखिलेश का कहना है कि मुद्दों पर हारने के बाद भाजपा अब एसआईआर को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बीएलओ से लगातार संपर्क रखें, हर दस्तावेज समय पर जमा करवाएं और हर शिकायत पार्टी मुख्यालय तक पहुंचाएं।


सपा की बरेली टीम की सक्रियता- घर-घर पहुंचकर एसआईआर का काम
यूपी के अन्य जिलों की तरह बरेली में भी समाजवादी पार्टी की टीम एसआईआर को लेकर बेहद सक्रिय है। इंजीनियर अनीस अहमद खां, बानखाना के पार्षद शमीम अहमद, बरेली शहर विधानसभा अध्यक्ष हसीव खान लगातार घर-घर जाकर लोगों के दस्तावेज बनवा रहे हैं, उन्हें सही फॉर्म भरवा रहे हैं और बीएलओ के साथ मिलकर ऑनलाइन अपलोडिंग की पूरी प्रक्रिया पूरी करवा रहे हैं।
इन नेताओं की टीम रोज़ाना सैकड़ों लोगों की वोटर लिस्ट संबंधी समस्याएं सुन रही है और तुरंत समाधान करवा रही है ताकि किसी भी परिवार का नाम गलत तरीके से न कटे और हर योग्य व्यक्ति का नाम सुरक्षित रूप से जुड़ जाए।

एसआईआर की चुनौतियां और अखिलेश की चेतावनी
अखिलेश यादव ने एक रिकॉर्डिंग भी सुनवाई, जिसमें कथित तौर पर एक महिला एसडीएम तकनीकी दिक्कतों का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र कन्नौज का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी भाजपा और आयोग वोट काटने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि सपा राजनीतिक और संगठनात्मक तौर पर पूरी तरह तैयार है और आने वाले महीनों में वोटर लिस्ट ही चुनावी लड़ाई का असली मैदान बनेगी।





