इंटरव्यू यूपी

पार्टी मेरी भूमिका तय करेगी कि मुझे चुनाव लड़ना है या अभी और संगठन में काम करना है, प्रभारी बनने से खत्म नहीं होती दावेदारी

भारतीय जनता पार्टी इन दिनों देशभर में तेजी से सदस्यता अभियान चला रही है. ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं. ब्रज क्षेत्र में अभियान कितना सफल हो रहा है? हर्षवर्धन आर्य बरेली कैंट विधानसभा सीट के विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कासगंज के जिला प्रभारी बनाए गए हैं. ऐसे में विरोधी उनकी दावेदारी को खत्म मान रहे हैं. इस बारे में हर्षवर्धन का क्या मानना है? क्या वह अभी भी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं? अगर पार्टी उन्हें मैदान में उतारती है तो कासगंज जिले पर इसका क्या असर पड़ेगा? सदस्यता अभियान में उनकी क्या भूमिका है? ऐसे ही कई पहलुओं पर इंडिया टाइम 24 के संपादक नीरज सिसौदिया के साथ ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य ने खुलकर बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल : भाजपा की ओर से ‘मेरा परिवार भाजपा परिवार’ सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, चुनाव से ठीक पहले अभियान चलाने की क्या जरूरत पड़ गई?
जवाब : अगर गौर करें तो वर्ष 2014 में जब मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी थी तो उसके बाद भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने बूथ पर, घर-घर जाकर इस तरीके का अभियान चलाने का काम किया था. वर्ष 2017 में प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी जनता से लगातार भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर संपर्क करने का काम कर रहे हैं. लगातार पार्टी यह काम कर रही है. चुनाव से इसका विशेष कोई लेना-देना नहीं है. इसमें एक नया काम जरूर हुआ है कि हमारे बूथ का कार्यकर्ता घर-घर जाकर परिवारों से संपर्क करता है और साथ में एक भाजपा के पदाधिकारी लोगों के घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में उनके नाम चेक करते हैं. किसी का वोट नहीं बना है तो उसमें मदद करने का काम कर रहे हैं. एक स्टीकर और झंडा, पटका भी लोगों को दिया जा रहा है.
सवाल : ब्रज क्षेत्र में अभियान कितनी रफ्तार पकड़ चुका है? कहां-कहां अभियान चलाया जा रहा है?
जवाब : उत्तर प्रदेश में अगर देखेंगे तो हर क्षेत्र में काम चल रहा है. ब्रज क्षेत्र में भी 19 जिले हैं और प्रत्येक जिले में तेजी से यह कार्य किया जा रहा है. विशेष अभियान हमारा 21 नवंबर से 30 नवंबर तक चल रहा है. इसमें 21, 27, 28 नवंबर विशेष दिवस हैं. हमारे कार्यकर्ता और पदाधिकारी सब विशेष तौर से घर-घर जाकर लोगों के वोट बनवाने और बढ़वाने का काम कर रहे हैं. साथ ही हमारा सदस्यता अभियान भी चल रहा है. भाजपा के ढाई करोड़ सत्यापित सदस्य थे अब तक. अभी प्रत्येक बूथ पर सौ नए सदस्य बनाने का पार्टी ने लक्ष्य तय किया है. उसे पूरा करने के लिए हमारा प्रयास जारी है. हमारे सभी प्रकोष्ठ, सारे मोर्चों के सभी पदाधिकारी घर-घर जाकर, गांव- गांव जाकर मेरा परिवार भाजपा परिवार अभियान में लगे हुए हैं.
सवाल : 125 बरेली कैंट विधानसभा सीट से आप टिकट के प्रबल दावेदार भी माने जा रहे हैं, उस सीट पर आपकी कितनी टीमें किस तरह से काम कर रही हैं?
जवाब : देखिए हमारा कोई निजी एजेंडा वहां नहीं है. मैंने संगठन के समक्ष वहां से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है. संगठन के निर्देश के हिसाब से जो भी व्यवस्था बनाई गई है उसका अनुपालन कर रहा हूं. जहां तक पार्टी के अभियान का विषय है तो उसमें महानगर अध्यक्ष के द्वारा जो लोग लगे हैं वे निश्चित तौर पर बूथ पर जाकर इस अभियान को चलाने का काम निरंतर कर रहे हैं.
सवाल : आम आदमी भाजपा से क्यों जुड़ेगा? ऐसी कौन सी खास बात है कि लोग भाजपा से जुड़ें, खास तौर पर मुस्लिम इलाकों में?
जवाब : यह मुस्लिम-हिन्दू इलाकों का विषय नहीं है. मुस्लिम समुदाय के लोग अगर स्वयं भाजपा से जुड़ना चाहते हैं तो नंबर भी जारी किया है पार्टी ने 7505403403, तो उस माध्यम से तो कोई भी मेंबरशिप ले सकता है और उसके सर्टिफिकेट भी पार्टी ऑनलाइन जारी कर रही है. लेकिन भाजपा से क्यों लोग जुड़ें और क्यों लोग जुड़ रहे हैं, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. 30 नवंबर के बाद सही आंकड़े आएंगे सदस्यता अभियान के तो खुद ब खुद पता चल जाएगा कि भाजपा की लोकप्रियता बढ़ रही है या घट रही है.
सवाल : कितनी सफलता मिल रही है इस सदस्यता अभियान को?
जवाब : सौ फीसदी सफलता मिल रही है. जहां भी हमारे कैंप लग रहे हैं या हमारे कार्यकर्ता घर-घर जा रहे हैं तो लोग उत्सुकता से भाजपा की सदस्यता लेने के इच्छुक रहते हैं. क्योंकि भाजपा की लोकप्रियता का आधार कोई एक व्यक्ति नहीं होता. जो जन कल्याण के काम योगी जी और मोदी जी की सरकारें कर रही हैं, उन्हीं कार्यों के कारण लोगों में भाजपा से जुड़ने की उत्सुकता दिखाई देती है. पहले के जो सदस्य हैं उनका भी रिन्यूअल चल रहा है. हम लोग पूरे उत्तर प्रदेश में हर बूथ पर 100 नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य जरूर प्राप्त करेंगे.
सवाल : आप माहौर वैश्य समाज से हैं. बरेली में इस समाज को कभी भी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया. अगर इस बार बरेली शहर या कैंट विधानसभा सीट में से कोई एक सीट इस समाज को देनी हो तो वह कौन सी होनी चाहिए? इस समाज को टिकट देने का लाभ बरेली जिले या प्रदेश की कौन-कौन सी सीटों पर मिल सकता है?
जवाब : देखिए मैं तो संगठन को आधार मानकर कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी का कार्य करता हूं. भारतीय जनता पार्टी में कोई जाति या इस प्रकार के समाज को देख कर हम लोग काम नहीं करते हैं. संगठन की एक दशा और दिशा है और उसी के अनुसार हम लोग काम करते हैं. जहां तक माहौर वैश्य का प्रश्न है तो यह बात ठीक है कि मैं माहौर वैश्य समाज से आता हूं और लंबे समय से यहां राजनीतिक तौर पर प्रतिनिधित्व इस समाज को नहीं मिल पाया है. उस पर पार्टी को विचार करना है क्योंकि ब्रज क्षेत्र में जहां तक मेरा अपना अनुमान है कि कोई भी ऐसा जिला नहीं हैं जहां माहौर वैश्य समाज कम हो. अच्छी खासी बड़ी संख्या में हमारे समाज के लोग हर जगह हैं और सबसे बड़ी बात है कि लगातार शुरू से लेकर अब तक भाजपा के ही साथ है. निश्चित तौर पर कोई ऐसा विषय आएगा तो पार्टी जरूर इस पर चिंता करेगी.
सवाल : लेकिन आवाज तो उठानी पड़़ेगी?
जवाब : समाज में लगातार इस बात की मांग होती है और क्योंकि मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं. मुझे संगठन के हिसाब से चीजों को देखना पड़ता है लेकिन समाज के लोग अगर इसकी मांग करते हैं तो उसका भी मैं समर्थन करता हूं. ऐसा नहीं है कि मैं समाज के साथ नहीं हूं. मैं समाज के साथ खड़ा हूं लेकिन पार्टी का जो नेतृत्व है उनका अपना विचार होता है.
सवाल : क्या आपको नहीं लगता कि कैंट विधानसभा सीट माहौर वैश्य के लिए सबसे बेहतर सीट हो सकती है?
जवाब : कैंट विधानसभा सीट पर 28-30 हजार माहौर वैश्य है और 15 हजार के लगभग बाकी वैश्य समाज है. कुल 45 हजार वैश्य में से माहौर वैश्य हैं लेकिन विषय वैश्य का है. अगर पार्टी को लगेगा कि वैश्य को टिकट देना है तो वैश्य को टिकट देगी. इस बार पार्टी के समक्ष मैंने अपना विषय रखा है, संगठन का काम प्राथमिकता पर है. मैंने टिकट की मांग की है और उस पर पार्टी गंभीर भी है.


सवाल : कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हर्षवर्धन आर्य कासगंज भाजपा जिला प्रभारी बन चुके हैं तो ऐसे में अगर हर्षवर्धन कैंट विधानसभा क्षेत्र दावेदारी करते हैं या टिकट लेते हैं तो कासगंज का काम प्रभावित होगा और जिला प्रभारी बनने के बाद हर्षवर्धन आर्य यहां दावेदार नहीं रहे?
जवाब : मैं बरेली का निवासी हूं कासगंज के भाजपा के जिला प्रभारी के तौर पर मुझे संगठन ने वहां जिम्मेदारी दी है तो मैं उसका काम कर रहा हूं. भाजपा लगातार वहां हर क्षेत्र में अपना काम कर रही है. जो भी भाजपा का काम है वही संगठन का काम है. हमारे यहां भाजपा चुनाव लड़ती है व्यक्तिगत कोई चुनाव लड़ता है. पार्टी किसी को भी लड़ाएगी तो भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ाएगी, मुझे या किसी व्यक्ति विशेष को चुनाव नहीं लड़ाएगी. यहां संगठन चुनाव लड़ता है और संगठन की तैयारी बूथ स्तर तक है और पन्ना प्रमुख तक हमने बनाए हैं. पन्ना समितियां भी हमारी तैयार हो रही हैं. हमारी तैयारी पूरी है. पार्टी जिसे टिकट देगी वह चुनाव लड़कर जीतेगा और सौ फीसदी जीतेगा. जहां तक मेरा विषय है कार्यक्षेत्र का तो भाजपा में कोई एक कार्यकर्ता काम नहीं करता है. जिले का प्रभारी मैं जरूर हूं, वहां काम कर रहा हूं. अगर पार्टी को लगेगा कि मुझे चुनाव लड़ाना है तो पार्टी मुझे चुनाव लड़ाएगी तो उस स्थिति में वहां काम कोई दूसरा व्यक्ति देखेगा लेकिन प्रभारी होने के नाते मेरी जो दावेदारी है वह खत्म हो जाएगी, ऐसा नहीं है. पार्टी ने कहा है कि जो संगठन का काम है उसे आप प्राथमिकता के आधार पर करिये और लगेगा कि आपको चुनाव लड़ना है तो पार्टी आपको कुछ समय पहले बताएगी कि आपको चुनाव लड़ना है. तो हम चुनाव लड़ने की भूमिका में रहेंगे.
सवाल : आपको नहीं लगता है कि एेन वक्त पर अगर आपको बताया जाएगा कि आपको चुनाव लड़ना है तो आपका चुनावी अभियान प्रभावित होगा?
जवाब : देखिए भाजपा का कार्यकर्ता पांचों साल चुनाव लड़ता है और हमारी तैयारी निश्चित तौर पर उस हिसाब से रहती है. मुझे संगठन पर पूरा भरोसा है. संगठन में पन्ना प्रमुख और पन्ना समितियों तक हमारा कार्य पूरा है. कार्यकर्ताओं के बीच में मैंने लगातार काम किया है. 25 साल से मैं भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहा हूं. तो मेरे लिये कोई क्षेत्र नया नहीं है. कैंट विधानसभा क्षेत्र का ही रहने वाला हूं मैं. न कार्यकर्ता मेरे लिए नए हैं. केवल पार्टी मेरी भूमिका तय करेगी कि मुझे चुनाव लड़ना है या मुझे अभी और संगठन में काम करना है.

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