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यूपी सहित 12 राज्यों में एसआईआर आज से, सपा महासचिव पं. दीपक शर्मा, शहर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष हसीव खान और पार्षद शमीम अहमद जोर-शोर से बीएलए नियुक्ति प्रक्रिया में जुटे, जानिए कब होगा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों को अद्यतन करने की कवायद ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआईआर) मंगलवार को 9 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो गई है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर प्रक्रिया सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 51 करोड़ मतदाता हैं। बिहार के बाद एसआईआर का यह दूसरा चरण है। बिहार में अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी। बिहार में करीब 7.42 करोड़ नामों को मतदाता सूची में शामिल किया गया था। दूसरे चरण में, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की कवायद होगी, उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 में चुनाव प्रस्तावित हैं। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी, क्योंकि राज्य में नागरिकता सत्यापित करने के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में प्रक्रिया चल रही है। साथ ही नागरिकता कानून का एक अलग प्रावधान असम में लागू होता है।
इसे लेकर समाजवादी पार्टी की बरेली महानगर ईकाई अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी के नेतृत्व में जुट गई है। सपा के महानगर महासचिव पं. दीपक शर्मा, शहर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष हसीव खान और बानखाना पार्षद शमीम अहमद पुरजोर तरीके से जुटे हुए हैं। दीपक शर्मा महानगर के अंतर्गत पड़ने वाली शहर और कैंट विधानसभा सीटों की बीएलए प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि शहर और कैंट विधानसभा सीटों पर हमने बीएलए नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर फॉर्म भरवा लिए हैं जिन्हें अपलोड करने का काम देर रात तक किया जा रहा है। काफी फॉर्म अपलोड हो चुके हैं और हमारे कई बीएलओ स्वीकृत हो चुके हैं।


शहर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष हसीव खान ने बताया कि वह रहपुरा चौधरी और आसपास के इलाकों में बीएलए की नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। पूरे शहर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के पार्षदों और अन्य पदाधिकारियों की ओर इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही पूरे शहर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ नियुक्त हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि हम पिछले काफी समय से नए वोट बनवा रहे थे। सभी लोगों को घर-घर जाकर उन एसआईआर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जा रही है। उन्हें उन 13 महत्वपूर्ण दस्तावेजों के बारे में भी बताया जा रहा है जो एसआईआर के लिए आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे विधानसभा क्षेत्र में एक भी वैध मतदाता मतदान से वंचित नहीं रहेगा। हम इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि एसआईआर के तहत किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। किसी भी वैध मतदाता का वोट नहीं कटने देंगे और न ही किसी भी फर्जी मतदाता का नाम जोड़ने दिया जाएगा।


शहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले बानखाना के वार्ड पार्षद शमीम अहमद ने अपने वार्ड के सभी बूथों पर बीएलए नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने बताया कि मोहसिन खान और संजीव कश्यप के साथ मिलकर उन्होंने रविवार को ही बीएलए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली है।

उन्होंने कहा कि एसआईआर के तहत किसी भी वैध मतदाता का वोट नहीं कटना चाहिए। हमें आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर लोगों के वोट बनवाने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि मौजूदा भाजपा सरकार से लड़ाई सिर्फ वोट के हथियार से ही लड़ी जा सकती है। इसलिए घर-घर जाकर एक-एक वोट बनवाने का काम करें। उन्होंने बताया कि बानखाना वार्ड से हर चुनाव में समाजवादी पार्टी को जीत मिलती रही है और वर्ष 2027 के चुनाव में भी ऐसा ही होगा। बहरहाल, ये तीनों नेता पूरी संजीदगी के साथ बीएलए नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं। एसआईआर को लेकर ये नेता पूरी तरह सतर्क हैं।
बता दें कि एसआईआर की प्रक्रिया चार नवम्बर से शुरू हो चुकी है और चार दिसम्बर तक जारी रहेगी। निर्वाचन आयोग 9 दिसम्बर को मतदाता सूची का मसौदा जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इससे पहले 2002-04 में एसआईआर किया गया था। आयोग का मानना ​​है कि एसआईआर से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और किसी भी अपात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें सूची से बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमा सहित अवैध प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है। जून में बिहार में एसआईआर शुरू किया गया था, तो कई राजनीतिक दलों ने दावा किया था कि दस्तावेजों के अभाव में करोड़ों पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। जब मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा, तो आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन करने के अपने फैसले का बचाव किया और आश्वासन दिया कि भारत का कोई भी पात्र नागरिक नहीं छूटेगा। अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, एसआईआर और आयोग पर विपक्ष का हमला शांत हो गया है।

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