नीरज सिसौदिया, बरेली
नगर निगम बरेली में गृहकर घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। पार्षद राजेश अग्रवाल द्वारा जोन 3 के प्रभारी राजवीर सिंह और राजस्व निरीक्षक सच्चिदानंद सिंह पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 को यह मामला और गर्मा गया, जब विधान परिषद सदस्य एवं संसदीय अध्ययन समिति के अध्यक्ष किरण पाल कश्यप बरेली पहुंचे।
शहर में आगमन के दौरान पार्षद राजेश अग्रवाल ने एमएलसी किरण पाल कश्यप से मुलाकात की और नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार से संबंधित दो शिकायत पत्र सौंपे।
पहले पत्र में अतिकाय सिंह वाल्मीकि की दुकान पर दो दिन में दो बार नगर निगम द्वारा किए गए अतिक्रमण अभियान में कथित “तांडव” की शिकायत की गई थी।
दूसरे पत्र में जोन 3 के प्रभारी राजवीर सिंह और राजस्व निरीक्षक सच्चिदानंद सिंह पर डीडीपुरम क्षेत्र के एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान को फायदा पहुंचाने के लिए गृहकर में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था।
एमएलसी किरण पाल कश्यप ने दोनों ही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जिलाधिकारी बरेली को कार्रवाई के लिए अग्रेषित कर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि “इन प्रकरणों की जांच शीघ्र कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
गौरतलब है कि पार्षद राजेश अग्रवाल ने पहले ही विधान परिषद के सभापति को भेजे पत्र में आरोप लगाया था कि जोन 3 के प्रभारी राजवीर सिंह और निरीक्षक सच्चिदानंद सिंह ने आईडी 7912496 के गृहकर निर्धारण में हेराफेरी कर नगर निगम को प्रतिवर्ष 1.35 लाख रुपये की हानि पहुंचाई। उन्होंने बताया कि वास्तविक गृहकर ₹99,768.24 था, लेकिन अधिकारियों ने इसे घटाकर ₹42,007.68 कर दिया।
यह मामला 25 अगस्त 2025 की बोर्ड बैठक में भी उठाया गया था, मगर आरोपों के बावजूद किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बजाय नगर निगम ने दोषियों को बचाने के लिए GIS सर्वे कंपनी को नोटिस भेज दिया।
नगर निगम ने 12 सितंबर 2025 को अपने लिखित उत्तर में स्वीकार किया कि अधिकारियों द्वारा गृहकर निर्धारण में गड़बड़ी की गई थी और करदाता को ₹1,77,024 का संशोधित नोटिस भेजा गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि पहले की गणना में हेराफेरी कर निगम को नुकसान पहुंचाया गया था।
राजेश अग्रवाल ने यह भी आरोप लगाया कि राजवीर सिंह और उनकी टीम ने जोन 3 और जोन 4 में इसी तरह के घपलों से निगम को करीब 40 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
पत्र में यह भी उल्लेख था कि जोनल प्रभारी राजवीर सिंह छोटे करदाताओं के स्वकर फॉर्म की 100% जांच करवा रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार केवल 10% फॉर्म की जांच की जानी चाहिए। पार्षद ने इसे उत्पीड़न बताते हुए जांच की मांग की है।
इस प्रकरण की फाइल मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय लखनऊ तक भेजी जा चुकी है। आईजीआरएस संदर्भ संख्या 12150250172354 के तहत नगर निगम ने रिपोर्ट दी है कि GIS सर्वे में कुछ त्रुटियां थीं, जिनके लिए अरहास टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस भेजा गया है। साथ ही भवन स्वामी को संशोधित नोटिस जारी किया गया है।
किरण पाल कश्यप के हस्तक्षेप से बढ़ी उम्मीद
अब एमएलसी किरण पाल कश्यप के हस्तक्षेप से यह मामला और गंभीर हो गया है। दोनों शिकायतों को जिला प्रशासन को सौंपे जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि नगर निगम में गृहकर निर्धारण से लेकर अतिक्रमण कार्यवाही तक की व्यापक जांच होगी।
शहर के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी तेज है कि यदि जांच में पार्षद के आरोप सही पाए गए, तो नगर निगम के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वहीं, बरेली के कई पार्षदों और सामाजिक संगठनों ने एमएलसी के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि अब नगर निगम की “साफ-सुथरी कार्यप्रणाली” की असल परीक्षा शुरू हुई है।





