नीरज सिसौदिया, अमृतसर
अमृतसर रेलवे स्टेशन का अपना अनूठा इतिहास रहा है. लगभग पौने दो सौ साल पुराने इस स्टेशन को आज भी उसके मूल स्वरूप में देखा जा सकता है. रेलवे की ओर से यहां सुविधाएं तो बढ़ाई गईं लेकिन इसके मूल स्वरूप को बिगड़ने नहीं दिया गया. यही वजह है कि आज तक यह रेलवे स्टेशन लोगों को बरबस ही आकर्षित कर रहा है. इसे ऐतिहासिक धरोहर का दर्जा तो नहीं मिल सका लेकिन अमृतसर के बाशिंदों के लिए यह रेलवे स्टेशन किसी धरोहर से कम नहीं. बताते हैं कि लाहौर के लिए जब यहां से पहली ट्रेन चली थी तो उसी वक्त यह स्टेशन अस्तित्व में आया था. पर्यटन के लिहाज से भी यह स्टेशन बेहद महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि रेलवे की ओर से यहां विश्व स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. यहां भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा विश्व भर के लोग आते हैं. ये रेलवे के प्रयासों का ही नतीजा है कि दुनिया भर के लोग इसके स्वरूप और सुविधाओं के मुरीद हैं.
धरोहर प्रेमियों के सम्बन्ध में, मीडिया के एक वर्ग द्वारा यह कहना कि रेलवे, अमृतसर रेलवे स्टेशन को नया रूप देने की योजना बना रही है, आधारहीन है| रेलवे की ऐसी कोई योजना नहीं है. इसकी पुष्टि रेलवे के आला अधिकारियों से लेकर मंत्रालय तक कर चुका है. फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है. इस ऐतिहासिक स्टेशन को किसी भी सूरत में ध्वस्त नहीं किया जा रहा.
रेलवे रिकॉर्ड बताते है कि अमृतसर की मूल इमारत 1859-62 में बनी थी अर्थात् जब लाहौर तथा अमृतसर के बीच प्रथम रेल चली थी, इस इमारत को वर्तमान बिल्डिंग के निर्माण तथा और अधिक प्लेटफार्म बनाने के उद्देश्य से बहुत पहले तोड़ा गया था | वर्तमान स्टेशन बिल्डिंग को किसी भी एजेंसी अर्थात् यूनेस्को, ए.एस.आई. आदि द्वारा एक धरोहर बिल्डिंग के रूप में कभी भी टैग नहीं किया गया है | यधपि इसका विकास स्थानीय इतिहास तथा वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसके कारण जनमानस / पेशेवर इसे एक धरोहर के रूप में मानते है |
इसके आलावा, अमृतसर में ट्रेनों द्वारा रोजाना आने वाले तथा यहाँ से जाने वाले हजारों यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराना लक्ष्य है | इन यात्रियों में श्रद्धालु, एन.आर.आई. पर्यटक, स्थानीय तथा विदेशी व्यापारी एवं विद्यार्थी शामिल हैं, जो रेलवे स्टेशन पर आने पर बेहतर सेवाएँ प्राप्त करने के हकदार हैं | इन सभी सुविधाओं और दिव्यांगों के अनुकूल प्रवेश / निकास मौजूदा स्टेशन में मुश्किल है | अतः अमृतसर में नए स्टेशन बिल्डिंग निर्माण की आवश्यकता है । यद्यपि मंडल में कोई दिशा-निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है लेकिन आई.आर.एस.डी.सी. द्वारा एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जिसके बारे में स्थानीय निकायों एवं राज्य सरकार से विचार-विमर्श किया गया है | इसका उद्देश्य स्टेशन पर सभी सुविधाओं को इस तरह अपग्रेड करना है कि स्टेशन पर प्रवेश करते ही पूर्ण रूप से एक अलग तरह का अनुभव हो | इस वर्तमान योजना में, भारतीय रेलवे ने यह निर्णय लिया है कि पब्लिक प्राइवेट भागीदारी (पी.पी.पी.) मॉडल पर, इस स्टेशन को एक प्रतिष्ठित रूप दिया जाए जिससे अमृतसर शहर की महत्ता में वृद्धि हो सके |
आई.आर.एस.डी.सी. ने पुष्टि की है कि पुनर्विकास के दौरान मौजूदा स्टेशन की इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाएगा और नए स्टेशन भवन का निर्माण किया जाएगा जो प्लेटफार्मों के प्रवेश / निकास के रूप में काम करेगा । मौजूदा इमारत के अनुकूलनीय पुन: उपयोग करने का प्रस्ताव है ताकि उपयोगकर्ता इसकी अनूठी विशेषताओं का उपयोग अपने अनुभव को बढ़ाने के लिए कर सके।