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ये मौत नहीं हत्याएं हो रही हैं, बीजेपी नेताओं के अस्पतालों को लूट-खसोट का लाइसेंस दे दिया है सरकार ने : महेश पांडेय

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नीरज सिसौदिया, बरेली
कोरोना काल में लोगों की स्वाभाविक मौत नहीं बल्कि हत्याएं की जा रही हैं. योगी सरकार ने बीजेपी नेताओं के अस्पतालों को लूट-खसोट का लाइसेंस दे दिया है. बरेली के अस्पताल जनता को कोरोना के नाम पर खुलेआम लूटने में लगे हैं और सरकारी कारिंदे मौन हैं. जनता इतने लोगों की हत्याएं कभी माफ नहीं करेगी. इसके विरोध में आम जनता को साथ लेकर व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा. ये बातें समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला महासचिव, जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन और इफको के निर्वाचित डेलीगेट महेश पांडेय ने कहीं.
उन्होंने कहा कि बरेली में गंगाशील हास्पिटल, खुशलोक हास्पिटल, एसआरएमएस, रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज, रामकिशोर अस्पताल आदि को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया है जो जनता को सुविधाएं तो दे नहीं पा रहे उल्टा उन्हें सिर्फ लूटने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जान-बूझकर भाजपा नेताओं के अस्पतालों को चिह्नित कर उन्हें कोविड अस्पताल बनाया है ताकि ये नेता इलाज की आड़ में जनता से लूट खसोट कर सकें. इसी तरह सरकार ने भाजपा से जुड़े व्यापारियों को कोरोना काल में जरूरी चीजों की कालाबाजारी की भी खुली छूट दे रखी है. ये लोग दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर आवश्यक सामान तक की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं. यह हाल सिर्फ बरेली का ही नहीं है बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में यही स्थिति है. हर जगह भाजपा नेताओं के अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाकर लूट-खसोट का मौका दिया गया है.
उन्होंने कोरोना के कारण हो रही मौतों पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये जो मौतें हो रही हैं ये स्वाभाविक या बीमारी के कारण नहीं हो रही हैं बल्कि सरकार की ओर से लोगों की हत्याएं की जा रही हैं. सरकार पेट्रोल पर टैक्स ले रही है, खाने-पीने के सामान पर टैक्स ले रही है, जरूरत की हर छोटी से छोटी चीज पर भी टैक्स ले रही है लेकिन ऑक्सीजन और दवाएं तक मुहैया नहीं करा पा रही है. एक साल से योगी सरकार सो रही है. यह जानने के बावजूद कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से भी ज्यादा खतरनाक होगी, सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और लोगों की जिंदगी बचाने के लिए कोई भी प्री प्लानिंग नहीं की. सरकार की नाकामी का ही नतीजा है कि आज आंवला में इफको को अपने पैसों ऑक्सीजन प्लांट लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां से फ्री ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन, भोजन, राशन, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर जल्द ही बरेली में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. अस्पतालों की लूट-खसोट रोकने के लिए अब सड़कों पर उतरेंगे.
बता दें कि महेश पांडेय उन नेताओं मे शुमार हैं जिन्होंने अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला था. अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में हुई अनियमितताओं को उजागर करते हुए वह हाईकोर्ट तक चले गए थे. उन्होंने न सिर्फ बैंक के बोर्ड को भंग कराया था बल्कि उसके कार्यकाल को आगे भी नहीं बढ़ने दिया था और प्रशासक बैठाया था जबकि इस मामले में खुद मुलायम सिंह केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की मदद करना चाहते थे. एक दौर था जब महेश पांडेय को बरेली का अन्ना के नाम से जाना जाता था लेकिन कुछ समय पहले उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया गया ताकि उनका 40 साल का राजनीतिक करियर तबाह हो जाए लेकिन जेल से लौटने के बाद महेश पांडेय ने उन अधिकारियों के खिलाफ केस दायर कर दिए हैं जिन्होंने उन्हें झूठे मामलों में फंसाया था. अब एक बार फिर वह राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं. उनकी गिनती मुलायम सिंह यादव के करीबियों में हुआ करती थी. पंचायत चुनाव में पार्टी की जीत से उत्साहित महेश पांडेय अब सरकार के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं.

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