पूजा सामंत, मुंबई
लखनऊ | भारतीय सिनेमा में एक नए अंदाज में फिल्म “लकीरें” का ट्रेलर लॉन्च किया गया | जिसे उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा राजभवन लखनऊ में लॉन्च किया गया | यह फिल्म वैवाहिक बलात्कार और विवाह में सहमति जैसे संवेदनशील विषय पर आधारित है | जो समाज में एक विचारोत्तेजक लहर निर्माण कर सकता है | इसके बाद फिल्म के कलाकारों ने मीडिया से बातचीत कर अपने फिल्म के सन्दर्भ में विचार सांझा किए |
“लकीरें” एक कोर्ट रूम ड्रामा है | यह फिल्म वैवाहिक बलात्कार और विवाह में सहमति जैसे संवेदनशील विषय पर आधारित है | जिसे अक्सर हमारे समाज में अलग नजर से देखा जाता है | लकीरें 3 नवंबर, 2023 को सिनेमा घरों में रिलीज़ होगी | यह फिल्म मनोरंजन के साथ साथ आपको सोचने के लिए भी मजबूर कर देगी | इमेज एंड क्रिएशन, बीटीसी मल्टीमीडिया प्रोडक्शंस, ब्लैक पर्ल मूवीज़ के बैनर तले निर्मित यह फिल्म रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा वितरित की जाएगी | यह एक सोशियो-ड्रामा है| इस फिल्म का निर्देशन दुर्गेश पाठक कर रहे है | यह फिल्म विवाह संबंधों में आपसी सहमति की भूमिका और महत्व को दर्शाती है और घरेलू हिंसा की जटिलताओं पर प्रकाश डालती है | ऐसे मुद्दे अक्सर समाज द्वारा नजरंदाज किए जाते है , परंतु यह फिल्म इस विषय पर प्रकाश डालती है |
फिल्म में अपनी कला में लोहा मनवाने वालें ऐसे कलाकार आशुतोष राणा, बिदिता बाग, टिया बाजपेयी, गौरव चोपड़ा , अमन वर्मा, राजेश जैस, सहर्ष शुक्ला, मुकेश भट्ट, अनिल रस्तोगी, अली मोहम्मद और कई अन्य कलाकारों के नाम शामिल हैं।
फिल्म “लकीरें” में काव्या (टिया बाजपेयी द्वारा अभिनीत) की जीवन यात्रा को चित्रित किया है, वैवाहिक बलात्कार जैसे जघन्य कृत्य के लिए वह अपने पति विवेक दामोदर अग्निहोत्री (गौरव चोपड़ा द्वारा अभिनीत) के खिलाफ कोर्ट में न्याय की अपील कर रही है |
न्याय के लिए काव्या की लड़ाई फिल्म का केंद्र बिंदु है, जो वैवाहिक बलात्कार के पीड़ितों के सामने आने वाली कानूनी और सामाजिक चुनौतियों पर प्रकाश डालती है। साथ ही घरेलू हिंसा के प्रति और सामाजिक दृष्टिकोण और कानूनों में बदलाव की मांग भी करती है |

उत्तर प्रदेश के लखनऊ और अयोध्या में घट रही काव्या की कानूनी लड़ाई को दर्शाती है | उसके भावनात्मक और सामाजिक पहलुओं को भी स्पष्ट करती है | काव्या के साथ साथ उसकी नौकरानी नसीमा और उसकी सहेली अनीता के जीवन में आ रही वैवाहिक समस्याओं को दिखा रही है जो वैवाहिक बलात्कार, इस तरह के अत्याचार से संबधित है |
फिल्म में अभिनेत्री बिदिता बाग अधिवक्ता गीता विश्वास का किरदार निभा रही है | अदालत में अभिनेता आशुतोष राणा, दुधारी सिंह का किरदार निभा रहे हैं | जिनसे अधिवक्ता गीता विश्वास केस लड़ती हुई नजर आएंगी | अन्याय के खिलाफ गीता की लड़ाई समाज में नैतिक मूल्यों और वैवाहिक बलात्कार जैसे गंभीर विषयों पर सवाल उठाती है।
समाज में इस तरह के अन्याय सहनेवाली कई महिलाओं की आवाज है, यह फिल्म “लकीरें” जो बदलाव का आह्वान करती है। यह फिल्म सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती है, कानून के दायरे में लाने का प्रयास करती है और वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में मान्यता देने की वकालत करती है। यह फिल्म हमें पूर्ण रूप से सहमति के महत्व और उन विवाहित महिलाओं को सुरक्षा और न्याय प्रदान करने की आवश्यकता पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है, जो अपनी विवाह संबंधों में इस तरह के जघन्य कृत्यों का सामना करती हैं।
सशक्त कहानी, असाधारण अभिनय और गंभीर मुद्दों को उठाती यह फिल्म “लकीरें” अवश्य देखी जाने वाली फिल्म है जो सभी पर एक प्रभाव छोड़ने में सक्षम है । फिल्म 3 नवंबर, 2023 को रिलीज़ होगी जिसका वितरण रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा किया जा रहा है।
TrailerLink: https://youtu.be/kBHvVJPMOKg?si=7KiiWLgzrkJnkTX2