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बरेली में कांग्रेस ने बढ़ाई सक्रियता तेज, नवाब मुजाहिद हसन खां के आवास पर प्रांतीय नेताओं की बैठक ने दिए कई संदेश, नए मोड़ पर जा रही महानगर में कांग्रेस की सियासत, पढ़ें क्या होगी आगे की रणनीति?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बरेली में कांग्रेस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे संगठन सृजन अभियान और वोट चोरी विरोधी आंदोलन का असर अब इस जिले में भी साफ नजर आने लगा है। हाल ही में बरेली कैंट विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवाब मुजाहिद हसन खां के आवास पर एक अहम बैठक हुई, जिसमें प्रांतीय स्तर के नेताओं ने भी शिरकत की। इस बैठक को बरेली में कांग्रेस की बढ़ती हलचल और आगामी चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।

कांग्रेस लंबे समय से संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी की रणनीति है कि बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाए और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखकर चुनाव की तैयारी की जाए। इसी सिलसिले में बरेली में बैठकों और कार्यक्रमों का दौर शुरू हुआ है। नवाब मुजाहिद हसन खां का घर इस सक्रियता का केंद्र बन गया है, जहां कार्यकर्ताओं और नेताओं की जुटान लगातार बढ़ रही है। यह संकेत है कि कैंट विधानसभा सीट को लेकर पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

बैठक में प्रांतीय नेताओं की मौजूदगी ने कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मसूद अहमद भी पहुंचे। उनका आगमन इस लिहाज से अहम माना जा रहा है कि वे बरेली के बाहर से आए थे और उन्होंने स्थानीय नेतृत्व के साथ मिलकर संगठन को गति देने की दिशा में चर्चा की। उनके आने से यह संदेश भी गया कि प्रदेश स्तर पर कांग्रेस बरेली को गंभीरता से ले रही है और यहां संगठन को मजबूत करने के लिए पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

नवाब मुजाहिद हसन खां बरेली कांग्रेस के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। कैंट विधानसभा सीट पर उनकी पकड़ हमेशा से रही है और माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में वे फिर से इस सीट से दावेदारी करेंगे। यही वजह है कि कांग्रेस की गतिविधियां इस समय कैंट क्षेत्र पर अधिक केंद्रित दिखाई दे रही हैं। कार्यकर्ताओं के बीच भी यह चर्चा है कि संगठन सृजन अभियान के साथ-साथ कांग्रेस स्थानीय स्तर पर कैंट सीट को प्राथमिकता दे रही है।

बैठक में महानगर कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। उनका मानना था कि कांग्रेस अब पहले जैसी निष्क्रिय नहीं है, बल्कि लगातार सक्रिय हो रही है। लंबे समय से संगठन में जो ठहराव दिख रहा था, उसे तोड़ने की कोशिश अब तेजी से की जा रही है। नवाब मुजाहिद हसन खां के घर हुई इस बैठक को इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने बरेली में अपनी गतिविधियां बढ़ाकर यह साफ संदेश दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती। संगठन सृजन अभियान के तहत जिले की हर विधानसभा सीट पर समितियों का गठन किया जा रहा है और नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है। इस प्रक्रिया में नवाब मुजाहिद हसन खां की भूमिका अहम है क्योंकि वे न केवल स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय नेता हैं बल्कि संगठन को मजबूत करने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं ने भी माना कि कांग्रेस के भीतर अब एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। जहां पहले कार्यक्रम केवल औपचारिकता तक सीमित लगते थे, वहीं अब कार्यकर्ता खुद आगे बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रांतीय नेताओं का आना इस ऊर्जा को और बढ़ाने वाला साबित हुआ। खासतौर पर मसूद अहमद की मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि बरेली में हो रही गतिविधियों पर प्रदेश स्तर का नेतृत्व पूरी नजर रखे हुए है।

बरेली कैंट विधानसभा सीट की अहमियत इसीलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां का मतदाता वर्ग विविध है। मुस्लिम, दलित, पिछड़ा और सवर्ण मतदाता इस क्षेत्र की राजनीति को दिशा देते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह सीट एक बड़ी चुनौती और अवसर दोनों है। नवाब मुजाहिद हसन खां का स्थानीय प्रभाव इस समीकरण को साधने में मदद कर सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपनी सक्रियता इसी क्षेत्र से शुरू की है और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

बैठक में प्रांतीय नेताओं ने संगठन सृजन अभियान को और गति देने की बात कही और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता से सीधे संवाद करें। हालांकि, इस बैठक का मुख्य फोकस चुनावी रणनीति पर रहा। इसमें यह भी तय किया गया कि आने वाले महीनों में बरेली में कांग्रेस की और भी गतिविधियां तेज की जाएंगी और विभिन्न क्षेत्रों में बैठकें आयोजित होंगी।

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि बरेली में कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता सीधे-सीधे आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़ी हुई है। पार्टी यह समझ रही है कि अगर अभी से संगठन को मजबूत नहीं किया गया तो चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना मुश्किल होगा। इसी वजह से बरेली कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लगातार मैदान में सक्रिय हो रहे हैं।

नवाब मुजाहिद हसन खां के घर हुई इस बैठक ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को न केवल चुनाव की तैयारी का संदेश दिया बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि बरेली अब पार्टी के एजेंडे में शीर्ष प्राथमिकता पर है। मसूद अहमद जैसे प्रांतीय नेताओं का आना इस बात की पुष्टि करता है कि प्रदेश स्तर पर भी कांग्रेस बरेली की राजनीति को गंभीरता से ले रही है।

कुल मिलाकर, बरेली में कांग्रेस की गतिविधियां अब पूरी तरह से चुनावी मोड में दिखाई देने लगी हैं। संगठन सृजन अभियान और राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे आंदोलन का संदर्भ यहां जरूर है, लेकिन वास्तविक फोकस स्थानीय समीकरणों और बूथ स्तर पर तैयारी पर है। नवाब मुजाहिद हसन खां इस सक्रियता के केंद्र में हैं और कैंट विधानसभा सीट पर उनकी दावेदारी को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह साफ दिखाई देता है। आने वाले महीनों में और बड़े नेताओं के दौरे होने की संभावना है, जिससे यह सक्रियता और भी तेज होगी।

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