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एसआईआर में सपा की बड़ी तैयारी, बरेली कैंट विधानसभा सीट के 100 बूथों पर इंजीनियर अनीस अहमद खां ने संभाली कमान, निजी स्तर पर लगाई 8 सदस्यों की टीम, अब तक 50 हजार फॉर्म बांटे, पढ़ें कैसे अभियान को दे रहे रफ्तार?

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बिहार विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां फिर से तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी ने राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर (Special Intensive Revision) अभियान को लेकर बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। यह वह प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची की दोबारा जांच, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, पुराने नामों में सुधार करने और गलत या डुप्लीकेट नाम हटाने का काम किया जाता है। राजनीतिक दलों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण चरण होता है, क्योंकि सही और मजबूत मतदाता सूची उनके चुनावी गणित को सीधे प्रभावित करती है।


इसी वजह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से पूरे प्रदेश में संगठन और पदाधिकारियों को एसआईआर पर खास ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। पार्टी ने तय किया है कि कोई भी बूथ, कोई भी मोहल्ला और कोई भी परिवार ऐसा न बचे, जिसका मतदाता फॉर्म न भरा जाए। इसी क्रम में पार्टी हाईकमान ने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों और वरिष्ठ पदाधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्रों में जिम्मेदारियां सौंपी हैं ताकि अभियान पूरी मजबूती के साथ चल सके।


समाजवादी पार्टी की अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य इंजीनियर अनीस अहमद खां को भी इस अभियान में बेहद अहम भूमिका दी गई है। उन्हें बरेली कैंट विधानसभा के लगभग सौ बूथों का संरक्षक बनाया गया है। यह जिम्मेदारी 14 नवम्बर को उन्हें सौंपी गई थी। उनके जिम्मे बूथ संख्या 98 से 160 तक और 301 से 331 तक कुल मिलाकर व्यापक क्षेत्र आता है।
इंजीनियर अनीस अहमद खां ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपना जनाधार और बूथ प्रबंधन पहले से मजबूत करना चाहती है। पार्टी का मानना है कि अगर एसआईआर प्रक्रिया को गंभीरता से संभाला जाए, सही लोगों को जोड़ा जाए और समय सीमा से पहले काम पूरा कर लिया जाए, तो चुनाव में स्थितियां काफी बेहतर बनाई जा सकती हैं।
इंजीनियर अनीस अहमद खां ने 15 नवंबर से ही अभियान को तेज गति दे दी है। उन्होंने आठ सदस्यों की अपनी विशेष टीमें बनाईं, जो बीएलओ के साथ मिलकर घर-घर जाकर फॉर्म बांट रही है। यह टीम स्थानीय बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) के साथ समन्वय में काम कर रही है। प्रशासनिक स्तर और राजनीतिक स्तर, दोनों की संयुक्त भागीदारी से इस काम की रफ्तार और प्रभाव बढ़ जाता है।


टीम अब तक लगभग 50 हजार फॉर्म घर-घर जाकर लोगों को वितरित कर चुकी है। यह संख्या किसी एक विधानसभा सीट के लिए काफी बड़ी है और यह दिखाता है कि काम किस स्तर पर और कितनी तेजी से हो रहा है।
एसआईआर का असली काम सिर्फ फॉर्म घर-घर पहुंचाने तक सीमित नहीं है। फॉर्म भरवाना और फिर डेटा को सही ढंग से वेबसाइट पर अपलोड करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर फॉर्म जमा होकर भी अपलोड नहीं होता तो पूरा प्रयास अधूरा रह जाता है।
इंजीनियर अनीस अहमद खां की टीमें बीएलओ के साथ मिलकर फॉर्म अपलोड करवाने का काम कर रही हैं। इंजीनियर अनीस अहमद व्यक्तिगत स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी फॉर्म अधूरा न रहे और हर व्यक्ति का डेटा सही तरीके से ऑनलाइन अपडेट हो जाए।
अब तक उनकी टीम लगभग 8 से 10 हजार फॉर्म वेबसाइट पर अपलोड कर चुकी है। यह संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में टीम एजाज नगर गौटिया और आसपास के इलाकों में सबसे अधिक गतिविधि कर रही है, क्योंकि इन क्षेत्रों में मतदाता संख्या बड़ी है और हर मतदाता तक पहुंचना भी आसान नहीं माना जाता है। इसलिए वह कुछ और टीमें लगाने पर विचार कर रहे हैं। एक-दो दिन में इन टीमों की संख्या और बढ़ा दी जाएगी।


सरकार की ओर से एसआईआर प्रक्रिया की अंतिम तिथि 4 दिसंबर तय की गई है। यानी सभी राजनीतिक दलों के पास सिर्फ कुछ हफ्ते का समय है। लेकिन इंजीनियर अनीस अहमद खां ने साफ कहा है कि वे जिम्मेदारी वाले सभी बूथों पर फॉर्म बांटने, भरवाने और अपलोड करवाने का काम सरकारी समय-सीमा से पहले ही पूरा कर देंगे। उनका कहना है कि अखिलेश यादव द्वारा दी गई जिम्मेदारी को वह पूरी गंभीरता से निभा रहे हैं और यह सिर्फ एक राजनीतिक अभियान नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने का काम भी है।


इस बार बरेली कैंट सीट समाजवादी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पार्टी इस सीट पर लगातार अपनी पकड़ मजबूत करती आ रही है और इसमें इंजीनियर अनीस अहमद खां की ओर से संगठन की मजबूती के लिए किए गए कार्यों की भी अहम भूमिका रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में इंजीनियर अनीस अहमद खां ने बड़ी तादाद में नए मतदाताओं के वोटर कार्ड बनवाए थे और कई मतदाताओं के वोटर कार्ड की त्रुटियां भी ठीक कराई थीं जिसके बाद बरेली कैंट विधानसभा सीट पर हार-जीत का अंतर उससे पिछले चुनाव से कम हो गया था। वहीं, वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कैंट विधानसभा सीट पर हार-जीत का आंकड़ा लगभग तीन हजार वोटों पर सिमट गया था। पार्टी को उम्मीद है कि वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में वह कैंट विधानसभा सीट जीत सकती है। इसलिए यहां अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। खुद इंजीनियर अनीस अहमद खां इस सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार माने जाते हैं।
पिछले कई महीनों से वह पूरे क्षेत्र में मतदाता जोड़ने का काम लगातार कर रहे हैं। एसआईआर की यह जिम्मेदारी मिलने के बाद वह और सक्रिय हो गए हैं।


हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि कैंट सीट के कई अन्य बूथों पर समाजवादी पार्टी अभी तक अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) तक नहीं बना पाई है। इसकी वजह बताई जा रही है कि कुछ स्थानीय नेता एसआईआर के काम में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। एसआईआर जैसे तकनीकी और मेहनत वाले काम में समय और लगन दोनों की जरूरत होती है, लेकिन कई जगह यह सक्रियता नहीं दिख रही।


कुछ बूथों पर बीएलए जरूर नियुक्त हुए हैं, लेकिन उनके काम की रफ्तार और उपस्थिति अभी तक बहुत मजबूत नहीं मानी जा रही। ऐसे में इंजीनियर अनीस अहमद खां का व्यक्तिगत प्रयास संगठन के लिए एक तरह से संबल जैसा है। अनीस अहमद खां की ओर से किया जा रहा काम सिर्फ एक चुनावी गतिविधि नहीं है। वह इसे संगठन को मजबूत करने और समाजवादी पार्टी के जमीनी ढांचे को दुरुस्त करने का माध्यम मानते हैं। उनकी टीम दिन-रात काम कर रही है, घर-घर फॉर्म पहुंचा रही है, लोगों को प्रक्रिया समझा रही है और बीएलओ के साथ समन्वय भी बना रही है। आगामी चुनावों के लिहाज से यह अभियान समाजवादी पार्टी के लिए बहुत अहम साबित हो सकता है।

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