लुधियाना : राज्य बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह के अंतिम दिन जिला टास्क फोर्स कमेटी की टीम A ने सुनेत गाँव में दो अलग अलग दुकानों नसीब ऑटो रिपेयर व करतार हार्डवेयर पर छापेमारी कर एक एक बाल श्रमिक मुक्त कराया। बच्चों को मुक्त कराने के बाद उनका सिविल हस्पताल में मेडिकल कराया गया, मेडिकल के बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति मोगा के आदेश पर शार्ट टर्म स्टे हेतु स्टेट आफ्टर केअर होम में रखा गया। टीम A में लेबर अधिकारी कंवलजीत कौर, जिला बाल सुरक्षा यूनिट से पवनदीप रंधावा, सेहत विभाग से डॉक्टर, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पुलिस फोर्स, चाइल्ड लाइन से अर्शदीप व बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्य शामिल थे।
वहीँ जिला टास्क फोर्स कमेटी की टीम B ने Duke, Neva और Godrej tyson नामक बड़ी बड़ी फ़ैक्टरियों में चेकिंग की पर उनको कोई बाल श्रमिक नहीं मिला। टीम में शामिल बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने कहा कि टास्क फोर्स टीम का चाइल्ड लाइन की spesific शिकायत पर न जा कर बड़ी बड़ी फ़ैक्टरियों में निरीक्षण हेतु जाना लेबर विभाग की मंशा को साफ़ जाहिर करता है। टीम B में सहायक डायरेक्टर फैक्ट्री मक्खन सिंह, सतिंदर सिंह, लेबर इंस्पेक्टर हरभजन सिंह, जिला बाल सुरक्षा यूनिट से हेमंत शर्मा, सेहत विभाग से डॉक्टर, शिक्षा विभाग से हरमिंदर सिंह रोमी, चाइल्ड लाइन से हरजीत सिंह, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पुलिस फोर्स व बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्य शामिल थे।
चाइल्ड लाइन के हरजीत सिंह ने बताया कि लेबर विभाग के फैक्ट्री विंग को उन्होंने 20 जून को सुबह लेबर आफिस आते ही बाल श्रम की शिकायत दी थी और इसके बावजूद फैक्ट्री विंग के अधिकारी ने उनकी शिकायत पर रेड न करके बेतरतीब ढंग से ही निरीक्षण किया, जिसमे 21 जून को उन्हें कोई बाल श्रमिक नहीं मिला जबकि उनके पास हमारी विशिष्ट शिकायत थी।