यूपी

सिर्फ कागजों में सुविधाएं दे रही सरकार

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विकास द्विवेदी, बहराइच
सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देनें के मुहिम पर निरंतर अग्रसर है, साथ ही आयुष्मान जैसी कई योजनाओं के माध्यम से जनता के साथ जुड़कर सहयोग हेतु तत्पर है लेकिन धरातल के पटल पर हकीकत इससे विपरीत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचकट्टा विशेश्वरगंज का उदघाटन 2012 में हुआ था जहाँ पर आज तक एक्सरे मशीन नही आई है, जिस कारण क्षेत्र की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।अभी तक सीएचसी में एक्सरे मशीन न लगने से क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विकासखंड क्षेत्र विशेश्वरगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीनस्थ लगभग लाखों की जनसंख्या निर्भर है, इस स्वास्थ्य केंद्र में कहने को तो सब ठीक है लेकिन हकीकत कुछ और है। यहां लैब तो है लेकिन एल टी व एल ए नही हैं, एक्सरे टेक्नीशियन तो हैं लेकिन एक्सरे मशीन नही है, फार्मेसिस्ट के 4 पद सृजित है पर एक ही फार्मेसिस्ट मौके पर तैनात है।अब 7 डॉक्टर के साथ मात्र एक फार्मेसिस्ट के होने से पता लगता है कि सरकार व विभाग क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य के प्रति कितना गंभीर हैं। स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे मशीन न होने से मरीजों को जांच के लिए मुख्यालय आदि जगहों पर ले जाना पड़ता है ।इससे जहां लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं समय की बर्बादी भी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी गरीब लोगों को उठानी पड़ रही है। बता दें कि तीन माह पूर्व फार्मेसिस्ट एवं एलटी, एल ए के स्थानांतरण के बाद रिक्त पदों की पूर्ति अबतक नही की गई।राज कुमार शुक्ल भवानी शंकर मुन्नालाल संतोष मदन पांडे सुनील चन्द्र प्रकाश पाठक ननके विश्वकर्मा व मंशाराम आदि लोगों का कहना है कि एक्सरे मशीन न होने के कारण बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ता है, इस ओर न तो विभाग और न ही सरकार ध्यान दे रही है। क्षेत्रीय लोगों ने केंद्र पर एक्सरे मशीन की मांग की है व रूधिर परीक्षण हेतु लैब टेक्नीशियन का होना अति आवश्यक बताया है ।सीएचसी अधीक्षक रंजीत सिंह से पूछने पर उन्होंने बताया कि जो व्यवस्था हमें मिला है हम उसी में कार्य कर रहे हैं ,मैने इसके बारे में सीएमओ साहब को अवगत करा दिया है।
उपर्युक्त तथ्यों पर संवाददाता द्वारा जब सीएमओ से बात की तो उन्होनें कहा कि दो तीन दिन में समस्या का समाधान हो जाएगा देखना है कि योगी सरकार के अधिकारियों द्वारा उपरोक्त तथ्यों पर जो आश्वासन दिया जाता है उस पर कितने खरे उतरे हैं अधिकारी.

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