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बेरमो के फुटबॉल के जनक तारकेश्वर महतो का निधन

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बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो कोयलांचल के नावाडीह प्रखंड के कंजकिरो पंचायत पिलपिलो (कटहरडीह) निवासी हीरो महतो के तीसरा पूत्र तारकेश्वर महतो का निधन बुधवार को लगभग एक बजे हो गया। वें विगत छह माह से बिमार चल रहें थे। इलाज के लिए आज उनको बीजीएच ले जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में जैनामोड़ के समीप उन्हें दम तोड़ दिया। तारकेश्वर महतो बेरमो कोयलाचंल में फुटबॉल के जनक कहे जाते थे। 1962 जन्में तारकेश्वर महतो चार भाईयों और दो बहनों में तीसरे स्थान पर थे। इनकी प्रांरभिक शिक्षा पलामू से हुई थी। उच्च शिक्षा फुसरो स्थित राम बिलाश हाई स्कूल से हुई थी। उच्च शिक्षा के बाद फुटबॉल की दिवानगी ऐसी चढ़ी की, कोयलाचंल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट के पिलपिलो में फुटबॉल टुनॉमेंट का शुरूआत 1985 से तीन दिवसीय से किए थे। बाद में 13 दिवसीय फुटबॉल टुनॉमेंट का आयोजन करने लगे। तारकेश्वर महतो कोयलांचल के एक महशूर फुटबॉल रहें। ऊपरघाट के आजाद महतो र्स्पोंटिंग क्लब पलामू से खेलते हुए बेरमो कोयलांचल में अपनी एक अलग पहचान बनाए थे।
टुनॉमेंट में डिप्टी सीएम से लेकर कई हस्तियां पहुंचते थेः पिलपिलो में आयोजित तारकेश्वर ग्रामीण फुटबॉल टुनॉमेंट इतना प्रसिद्व था कि झारखंड के डिप्टी सीएम सुधीर महतो, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो सहित कई बिहार सरकार के मंत्री अकलू राम महतो, गिरीडीह के तत्कालिन सांसद राजकिशोर महतो, रविंद कुमार पांडेय, बेरमो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह, योगेश्वर महतो बाटुल सहित डीवीसी व सीसीएल के शीर्ष अधिकारी मैंच देखने आए थे। इनके फुटबॉल टुनॉमेंट में उडीसा, बिहार, बंगाल, झारखंड सहित कई राज्यों की महिला टीमों ने प्रर्दशनी मैच खेला है।

उच्च शिक्षा प्राप्त कर गांव में ग्रामीण चिकित्सक का काम शुरू किए थेः तारकेश्वर महतो उच्च शिक्षा प्राप्त कर गांव में ग्रामीण चिकित्सक का काम शुरू किए थे। इसी दौरान वें छोटकीकुड़ी गांव में वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को प्रताड़ित करने की सूचना मिली, तो ग्रामीणों के साथ वन विभाग के अधिकारियों को बांधकर पिटाई किए थे और हिदायत दिया कि इस प्रकार किसी ग्रामीण को प्रताड़ित ना करें। इस घटना के बाद लोगों ने इसे नेताजी कहकर संबोधित करने लगे। इसके बाद समाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे। शिक्षा को लेकर पिलपिलो में एक स्कूल भी बनाए। जो आज वह स्कूल सरकारी है। जहां पर लगभग 200 बच्चे पढ़ाई करते है। इसके अलावे शराब को लेकर जागरूकता आंदोलन भी चलाए। गांव-गांव में जाकर हड़िया फोडो अभियान चलाए।
कुरमी समाज का आंदोलन का दिए नये धारः गांवों में नेता जी कहे जाने के बाद तारकेश्वर महतो झारखंड में कुरमी समाज का आंदोलन का एक नया धार दिए और कई आंदोलन किए। इस दौरान सूबे के पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो के संर्पक में आए और समाज के आंदोलन के साथ-साथ बेरमो कोयलांचल के कई बड़े आंदोलन का नेतृत्व किए। इनका राजनीतिक गुरू लालचंद महतो रहें। बाद में जदयू, झामुमो, राजद में सक्रिय राजनीति किए। 1995 में डुमरी विस से निर्दलीय से साइकिल छाप से चुनाव लड़े। उसके राजद के टिकट से चुनाव लड़े। लेकिन दोनों चुनाव हार गए। उसके बाद सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो जब डुमरी से दुसरी बार चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचाने में तारकेश्वर महतो का अहम योगदान था। तारकेश्वर महतो राजनीति के साथ-साथ झारखंड सांस्कृतिक व बांसुरी वादक थे। तारकेश्वर महतो अपने बांसुरी वादक का प्रर्दशन सूबे के तत्कालीन सीएम मधु कोड़ा व बिहार के मुख्यमंत्री लालु यादव के समक्ष किए थे। दोनों मुख्यमंत्रियों ने सम्मानित किए थे।
डीवीसी व सीसीएल में रोजगार को लेकर कई आंदोलन किए, जेल भी गएः तारकेश्वर महतो रोजगार को लेकर डीवीसी व सीसीएल में रोजगार को लेकर ग्रामीणों के साथ कई बार आंदोलन किए। जिसमें एक अधिकारी पर फरसा से वार भी कर दिए थे। डीवीसी में रोजगार को लेकर आंदोलन के दौरान तारकेश्वर महतो पर पुलिस ने उसका कलर पकड़ा तो उस समय भी पुलिस पर फरसा से वार कर दिए थे। उस घटना सहित चार बार जेल भी गए।
मओवादी के भी चेहते थे तारकेश्वर महतोः तारकेश्वर महतो के विचार से भाकपा माओवादी के चेहते थे। ऊपरघाट में नक्सल आंदोलन चरम पर था, उस समय यहां के अधिकतर नेता माओवादियों के डर से बेरमो कोयलांचल के विभिन्न इलाकों में शरण ले लिए थे। लेकिन तारकेश्वर महतो माओवादियों का डटकर मुकाबला किए और अपने गांव पिलपिलो में रहें। इनके पिता हीरो महतो एक कुशल नेत्तृवकर्ता थे। जब क्षेत्र में महाजनों की जुल्म के खिलाफ खोखा बंगाली की हत्या पर उनका नाम आया था।
आज होगा दांह-संस्कारः दिवंगत तारकेश्वर महतो के इकलौता पुत्र मनोज कुमार महतो ने बताया कि गुरूवार को शव यात्रा निकाला जायेगा, जो पिलपिलो मोड़ से गोदोनाला में तट में अंतिम संस्कार किया जाऐगा। तारकेश्वर महतो के निधन पर सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, गिरीडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, पूर्व सांसद रविंद्र कुमार पांडेय, गोमिया विधायक डा.लंबोदर महतो, जिप सदस्या कुमारी खुशबू महतो, आजसू मुख्यालय सचिव टिकैत कुमार महतो, भाकपा के आफताब आलम, नुनूचंद महतो, सांसद प्रतिनिधि मोतीलाल महतो, मिसरीलाल महतो, दीपू अग्रवाल, उदय अग्रवाल, योगेंद्र कुमार रंजन, प्यारेलाल महतो, रामचंद्र कुमार अंजाना, उमेश उजागर, कमल प्रसाद महतो, भैरव महतो, झब्बूलाल महतो, अखिलेश प्रसाद, किंग कोबरा के सुप्रीमो श्यामसुदंर महतो, देवीलाल मांझी, गणेश प्रसाद महतो, खिरोधर महतो सहित कई लोगों ने संवेदना प्रकट किए।

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