नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के एक्शन में आने के बाद पंजाब का सियासी पारा गरमा गया है| कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है| कांग्रेस विधायक अपने ही मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और सिद्धू कुत्ता है तक के नारे लगाए जा रहे हैं| यह नारे लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू के समर्थक वो कॉलोनाइजर हैं जिन्होंने अवैध कॉलोनियां काट कर उन पर दो दो मरले के मकान तक बिना नक्शा पास कराए व नियमों को ताक पर रखकर बनवा डाले और कार्रवाई करने गई नगर निगम की टीम को कार्रवाई नहीं करने दी|
बता दें कि जालंधर में कांग्रेस सरकार आने के बाद से धड़ल्ले से अवैध निर्माण और अवैध कॉलोनियों का काम शुरू हुआ था| इनमें से एक कॉलोनी न्यू देओल नगर में भी काटी गई थी| जब यह कॉलोनी काटी जा रही थी तो नगर निगम की टीम इससे गिराने पहुंची थी लेकिन उस वक्त कांग्रेस विधायक रिंकू के करीबी मेजर सिंह खुद उसके आगे खड़े हो गए और विरोध प्रदर्शन कर नगर निगम की टीम को बैरंग लौटा दिया था| इसके बाद मीडिया में यह मुद्दा काफी उछला था और इस संबंध में कई शिकायतें स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पास भी पहुंची थी| कल के दौरे में नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद लगभग 300 से भी अधिक अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों की शिकायतें मिलने की बात स्वीकार की थी| इनमें न्यू देओल नगर की कॉलोनी भी शामिल थी| सिद्धू ने इस कॉलोनी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट देने को कहा था और कई अफसरों को सस्पेंड हुआ कुछ-कुछ 4 सीट भी कर दिया था| इसी को लेकर जब आज नगर निगम की टीम डिच लेकर न्यू कॉलोनी गिराने के लिए पहुंची तो घास मंडी चौक पर ही कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू बीच पर चढ़ गए और निगम को कार्यवाही नहीं करने दी| वहीं रिंकू समर्थकों ने कांग्रेस विधायक #परगट सिंह पर अवैध कोठियां बनाने का आरोप लगाते हुए सिद्धू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की| उन्होंने ‘सिद्धू हाय हाय’, “#सिद्धू कुत्ता है” के नारे लगाए|
सुशील रिंकू के विरोध प्रदर्शन से यह साबित हो गया है कि जालंधर में अवैध निर्माण करवाने के पीछे कांग्रेस विधायकों का भी संरक्षण रहा है| सूत्र बताते हैं कि यह वही कॉलोनाइजर हैं जिन्होंने कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू को चुनाव लड़ाने के लिए काफी पैसा खर्च किया था| सूत्र बताते हैं कि चुनाव जीतने के बाद उन्हें रिंकू की ओर से खुली छूट दे दी गई थी कि वह अवैध कॉलोनियां काटे या अवैध निर्माण करें| लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू की शक्ति के आगे रिंकू की एक नहीं चली और वह समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन पर उतर आए| अगर इन कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई हो जाती है तो जालंधर वेस्ट में कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू की जमीन खिसक सकती है| अगले चुनाव में सुशील रिंकू का किला ढह सकता है क्योंकि इस इलाके में अवैध निर्माण चरम सीमा पर हुए हैं| अब सवाल यह उठता है कि अगर कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कानून के मुताबिक काम कर रहे हैं तो फिर कांग्रेस विधायक उनका विरोध क्यों कर रहे हैं? जब विधायक ही गैरकानूनी चीजों को संरक्षण देंगे तो फिर कानून का पालन कौन करेगा? विधायक रिंकू को यह समझना होगा कि वह अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं| इससे सरकार की छवि पर भी विपरीत असर पड़ेगा| रिंकू के खुले विरोध से यह तो साबित हो गया है कि अवैध कॉलोनियों को रिंकू का संरक्षण प्राप्त था जिस कारण नगर निगम का कोई भी अधिकारी उस पर कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा सका| ऐसे में अवैध निर्माण के लिए कितनी जिम्मेदार नगर निगम के अफसर हैं उतने ही जिम्मेदार कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू भी हैं| नगर निगम अधिकारियों पर FIR करवाने के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू को सुशील रिंकू के खिलाफ भी FIR दर्ज करवानी चाहिए| अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले समय में हर विधायक गैरकानूनी चीजों को संरक्षण देगा और कानून का पालन करने वाली जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा| सिद्धू ने एक साहसी व सराहनीय कदम उठाया है| ऐसे ही ठोस कदम उठाने पर ही पंजाब का खजाना भर पाएगा वरना अफसरों और नेताओं की जेबें ही भरेंगी| खाली खजाने से पंजाब की जनता का विकास नहीं होगा यह बात नवजोत सिंह सिद्धू तो समझ गए हैं लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं समझ पा रहे हैं| कर्ज में डूबे पंजाब को इससे निकालने के लिए ऐसे ही सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है जैसे कि नवजोत सिंह सिद्धू उठा रहे हैं|