विचार

प्रमोद पारवाला की कविताएं : “हिंदी दिवस’

एक ही अर्थ है दोनों के ही , बिंदी , हिंदी भाषा के, एक सजती माथे जन-जन के, दूजी भारत-माता के। मन की अभिव्यक्ति की भी तो , यह ही माध्यम बनती है, प्रेम,स्नेह,श्रद्धा शब्दों में, यह ही व्यंजित करती है। कितनी समृद्ध,स्नेहमयी सी, यही पुरातन भाषा है, भावों की कर सरल व्यंजना, जन-मन भरती […]