विचार

30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस पर विशेष : राष्ट्रीय चेतना को जगाने के लिए शुरू हुआ हिंदी पत्रकारिता का सफर

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। हिन्दी पत्रकारिता के आदि उन्नायक जातीय चेतना, युगबोध और अपने दायित्व के प्रति पूर्ण सचेत थे। इसलिए विदेशी सरकार की दमन-नीति का उन्हें शिकार होना पड़ा था, उसके नृशंस व्यवहार की यातना झेलनी पड़ी थी। उन्नीसवीं शताब्दी में हिन्दी गद्य-निर्माण की चेष्टा और हिन्दी-प्रचार आन्दोलन अत्यन्त […]

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30 मई हिन्दी पत्रकारिता दिवस : सत्य को प्रकाशित करने के लिए मोमबत्ती की तरह जलता है पत्रकार

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी, भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। हिन्दी पत्रकारिता के उन्नायक अपने राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति पूरी तरह से सजग और सचेत थे। पत्रकारिता उनके लिए एक मिशन थी, महज प्रोफेशन नहीं। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च मानदण्डों को स्थापित किया। परिस्थितियाँ कितनी भी विषम और जटिल क्यों न रही हों उन्होंने […]