विचार

निष्ठा शर्मा की कविताएं-2, आखिर क्यों बड़ी हो जाती हैं बेटियां?

आखिर क्यों बड़ी हो जाती हैं बेटियां ये तो होती हैं दीपक की बातियां बुझ जाएं तो वापस नहीं मिलतीं फिर अंगने में मुस्कुराहट नहीं खिलती पता नहीं उसके बिन रातें कैसे ढलतीं दिल है मेरा पता नहीं उस बिन धड़कन कैसे चलती इन्हें ले जाता है कोई पराया नहीं मिल पाती इनको मां-बाप की […]