नाग पंचमी के अवसर पर, नागों का पूजन कर आएँ आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ। मानवता का ओढ़ लबादा, सेवा का जो ढोंग कर रहे जिसको चाहें डस लेते वे, पीड़ित कितना कष्ट अब सहे इच्छाधारी बने आज जो, वे तो हैं सब से टकराएँ आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे […]
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नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए
जिस दिन सूर्य चाँद के पीछे ही छिप जाए नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ में आए। सूर्य ग्रहण में केवल परत बाहरी दिखती गोलाई में बाहर निकली ज्वाला टिकती आगे- पीछे चन्द्र ग्रहण की गाथा लिखती युग के हाथों जीवन की परिभाषा बिकती सूर्य ग्रहण जब मुख्य भूमिका यहाँ निभाए नज़र वास्तविक कोरोना तो नभ […]
उपमेंद्र की कविताएं-1, गंगा मइया यहां अब तारो हमें
गोद में तुम सदा ही खिलाती रहो, प्यार से आज तुम ही दुलारो हमें गंगा मइया यहां अब तारो हमें, कष्ट सारे मिटाकर उबारो हमें। मौत के बाद भी तो रहे वास्ता, तुम दिखाओ हमें स्वर्ग का रास्ता अस्थियां, भस्म सब कुछ समर्पित करें, फिर नई जिंदगी से भला क्यों डरें क्या पता कौन सा […]