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साहित्य की बात : कभी हंसाते हैं तो कभी गुदगुदाते हैं, हंसी-हंसी में बहुत कुछ कह जाते हैं, आप भी मिलिये साहित्य जगत के ‘अंकल’ से…

समाज को दिशा देने में साहित्य की भूमिका बेहद अहम होती है. कभी कविताओं से, कभी कहानियों से तो कभी साहित्य की अन्य विधाओं के माध्यम से एक साहित्यकार अपनी बात को बड़ी ही सहजता से दुनिया को समझाता है और सही व गलत का फर्क भी बताता है. बात जब किसी अहम मसले पर […]