चंपावत। चंपावत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हेमंत वर्मा के इस्तीफे के बाद प्रशासन में खलबली मच गई है। हेमंत वर्मा ने अपने इस्तीफे में कई मुद्दे उठाते हुए त्यागपत्र देने की बात कही है। उन्होंने अपना इस्तीफा कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा है जिसे डीएम तक पहुंचा दिया गया है, एक एनजीओ की ओर से आयोजित उत्तराखंड सतत विकास पर्व कार्यक्रम में डाले जा रहे कथित दबाव को इस्तीफे की वजह माना जा रहा है। फिलहाल इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की है। इस्तीफे के बाद अधिकारियों में खलबली मच गई है और समारोह भी विवादों में आ गया है.
चंपावत में 23 फरवरी से दो दिवसीय उत्तराखंड सतत विकास पर्व का आयोजन चल रहा था इसकी रूपरेखा द डायस फाउंडेशन ने तय की है। कार्यक्रम में करीब 16 देशों के 50 से अधिक युवा और विशेषज्ञ पहुंचे हैं आयोजन का जिम्मा और वह जिला प्रशासन अपने स्तर से कर रहा है इसे लेकर एडीएम समेत सभी बड़े अधिकारियों को तमाम जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं। सूत्रों की माने तो अधिकारियों को ऐसी व्यवस्थाएं भी करने को मजबूर किया जा रहा था जिसे वह नहीं करना चाहते थे। इतना ही नहीं छोटे-छोटे मसलों पर गैर सरकारी संगठन के सदस्य अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दे रहे थे। इसी के चलते एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हेमंत वर्मा पिछले 3 दिन से काफी परेशान थे। बताया गया है कि शनिवार को सचिव ने उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और उन्होंने विभिन्न बिंदुओं को लेकर इस्तीफा कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी को सौंप दिया। फिलहाल हेमंत वर्मा का मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है। वही इस संबंध में चंपावत के डीएम अहमद इकबाल ने कहा कि हेमंत वर्मा का इस्तीफा मिल चुका है, उसे फिलहाल सरसरी तौर पर ही पढ़ा जा सका है, उन्होंने जो भी बिंदु उठाए होंगे उसका समाधान करने की कोशिश की जाएगी।
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