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उत्तराखंड

नियम तोड़े तो रद्द होगी निजी स्कूलों की मान्यता

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राजेंद्र भंडारी, चंपावत
अब नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाएगी। इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी आर सी पुरोहित की ओर से स्कूल प्रबंधकों और प्रिंसिपल के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2018 19 हेतु आवश्यक दिशा निर्देश व शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि उत्तीर्ण होकर अगली कक्षा में जाने पर भी एडमिशन फीस न ली जाए, स्कूल मनमाने ढंग से हर साल फीस ना बढ़ाएं, कॉशन मनी ना लिया जाए, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का पालन सुनिश्चित किया जाए, शिक्षक अभिभावक संघ का गठन हर स्कूल अनिवार्य रूप से करे तथा उसकी सूचना मुख्य शिक्षा अधिकारी को दी जाए, हर स्कूल में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उसकी चेकिंग भी की जाए, विद्यालय में विभाग द्वारा निर्धारित एनसीईआरटी की पुस्तकें ही पाठ्यक्रम में संचालित की जाएं, पाठ्यपुस्तकों, स्कूल ड्रेस एवं स्टेशनरी हेतु निश्चित विक्रेता निर्धारित किया जाए व इसके लिए अभिभावकों को बाध्य ना किया जाए, स्कूल वाहनों में कुल सीटों से अधिक स्टूडेंट ना बिठाए जाएं, वाहन चालकों- परिचालकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अवश्य कराया जाए, अनिवार्य रूप से उनके लिए ड्रेस निर्धारित की जाए। अप्रशिक्षित शिक्षकों से शिक्षण कार्य न कराया जाए, निजी विद्यालयों के प्रबंधक व प्रिंसिपल विद्यालय में किसी एक स्थान पर जो सार्वजनिक रूप से देखा जा सके कक्षावार कुल विद्यार्थियों की संख्या, आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों की संख्या तथा विद्यालय द्वारा घोषित शुल्क अनिवार्य रूप से प्रसारित करें। इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
इसके अलावा बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को भी सख्त हिदायत दी गई है। कहा गया है कि जो स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं उनपर अधिनियम की धारा 18 19 के अंतर्गत पहले ₹100000 जुर्माना किया जाएगा और लगातार उल्लंघन पाए जाने पर प्रतिदिन ₹10000 जुर्माना वसूला जाएगा।

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