नई दिल्ली| दिल्ली से वाहनों का दबाव कम करने के लिए फरीदाबाद पलवल ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ने वाले 135 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे का अबतक उद्घाटन नहीं हो पाया है| इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है| उद्घाटन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मोदी के पास समय नहीं है तो 31 मई तक इसका उद्घाटन नहीं हुआ तो 1 जून से इसे चालू माना जाएगा|
दरअसल दिल्ली से ट्रैफिक का भार कम करने के लिए बनाए गए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस का निर्माण लगभग एक पखवाड़े पहले ही पूरा हो चुका है| नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वकील ने कहा था कि एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य 18 अप्रैल को ही पूरा हो चुका है माह के अंत तक इसे खोल दिया जाएगा| आज नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कि उन्हें एक्सप्रेस वे को चालू करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी का इंतजार है| इस पर बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के हिसाब से प्रधानमंत्री अगले कुछ दिनों तक उपलब्ध नहीं रहेंगे उनका इंतजार क्यों किया जा रहा है? यह रोड दिल्ली के लोगों की जरूरत है, उन्होंने यह भी कहा कि मेघालय हाईकोर्ट की इमारत 5 साल से बिना औपचारिक उद्घाटन के इस्तेमाल की जा रही है| अतः अगर 31 मई तक इसका उद्घाटन नहीं होता है तो 1 जून से इसे चालू माना जाएगा|
