जालंधर। अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्री पर पंजाब सरकार की ओर से रोक लगा दी गई है। हाल ही में जालंधर नगर निगम ने शहर की करीब 350 से भी अधिक अवैध कॉलोनियों की एक सूची जारी की थी जिसके बाद से अब इन कॉलोनियों में किसी भी प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। इससे जहां प्रॉपर्टी कारोबार में मंदी छा गई है वहीं यहां इन्वेस्टमेंट करने वाले खरीदारों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन कॉलोनाइजर्स को है जिन्होंने यहां करोड़ों रुपया लगाया हुआ है। अब परेशान कॉलोनाइजर विधायक परगट सिंह के समक्ष यह मुद्दा उठाने जा रहे हैं। इस संबंध में आगामी 12 फरवरी को विधायक परगट सिंह के आवास पर कॉलोनाइजर्स और प्रॉपर्टी डीलर्स की एक बैठक होने जा रही है। यह जानकारी पंजाब कॉलोनाइजर्स एंड प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन के जालंधर प्रधान भूपिंदर सिंह भिंदा ने दी।
बिंदा ने कहा कि लोटो की रजिस्ट्री पर रोक से आम आदमी भी परेशान हो रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी बड़ी मुश्किल से तिनका तिनका जोड़कर अपना आशियाना बनाने का ख्वाब देखता है। शहर में जमीनें बची नहीं है और आस-पास के इलाके में सरकार की ओर से भी कोई नई कॉलोनी डेवलप नहीं की जा रही है जहां की गरीबों को उनके बजट में प्लॉट या मकान मिल सके। ऐसे में आम आदमी का अपने घर का सपना यह सपना ही बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अवैध कॉलोनियों को लेकर एक राहत भरी पॉलिसी लाने का वादा किया था लेकिन अब इन कॉलोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्री भी बंद कर दी गई है। जिससे प्रॉपर्टी का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे को वह कांग्रेस विधायक परगट सिंह के समक्ष उठाने जा रहे हैं। इस मसले पर आगामी 12 फरवरी को परगट सिंह के आवास पर बिल्डर्स कॉलोनाइजर्स और प्रॉपर्टी डीलर की एक बैठक होगी। इसमें यह मांग की जाएगी कि रजिस्ट्रियों पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।