नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
देश में बदल रहे सियासी समीकरण और मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ती एंटी इनकंबेंसी ने भारतीय जनता पार्टी के लिए 2019 की राह मुश्किल कर दी है| वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह ओपिनियन मेकर साबित हुए थे वैसा कारनामा करने वाला फिलहाल इस वक्त भाजपा में कोई भी नजर नहीं आ रहा| यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने अब ऐसे ओपिनियन मेकर्स की तलाश शुरू कर दी है जो सियासी हवा का रुख भारतीय जनता पार्टी की ओर मोड़ सकें| ऐसे में उद्योगपति से लेकर फिल्म स्टार तक और फौजी से लेकर साहित्यकार तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नामी शख्सियतों को तलाशने और उन पर भगवा रंग चढ़ाने के प्रयास में जुट गए हैं| अमित शाह संपर्क फॉर समर्थन अभियान इसी कड़ी का एक हिस्सा है|
विगत 29 मई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली से संपर्क फॉर समर्थन अभियान का आगाज किया| इस अभियान के तहत भाजपा की शाह पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया आरसी लाहोटी, योग गुरु बाबा रामदेव, पूर्व आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग, सुभाष कश्यप और कपिल देव जैसी नामी हस्तियों से मुलाकात कर चुके हैं| बुधवार को अमित शाह ने मुंबई में अपने अभियान का आगाज किया और उन्होंने यहां बॉलीवुड स्टार माधुरी दीक्षित और उद्योगपति रतन टाटा से उनके घर पर जाकर मुलाकात की| नामी हस्तियों के साथ साथ ही इस मुलाकात के कई मायने हैं| पहला कि शाह उन्हें केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में बता रहे हैं, दूसरा इन हस्तियों का समर्थन हासिल करना और तीसरा इन हस्तियों के जरिए जनता का समर्थन हासिल करना| पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा ने ऐसी 50 हस्तियों की लिस्ट बनाई हुई है| इन हस्तियों की लिस्ट बनाने का जिम्मा स्थानीय नेताओं को सौंपा गया है| यह स्थानीय नेता और कार्यकर्ता ऐसी जानी मानी हस्तियों की एक सूची बनाने के साथ ही उनके साथ अमित शाह की अपॉइंटमेंट भी इश्क करने का काम करते हैं ताकि अमित शाह उनके घर जाकर उन हस्तियों से आसानी से मिल सकें| जीव वह हस्तियां हैं जो सोसाइटी की ओपिनियन मेकर हैं या मानी जाती हैं|
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संभव है कि यह हस्तियां आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार करती भी नजर आएं| बताओ स्टार प्रचारक फिल्मी हस्तियों और ऐसी चर्चित हस्तियों का काफी असर आम जनता पर पड़ता है| भारतीय जनता पार्टी ने इन हस्तियों में से भी ऐसी चुनिंदा हस्तियों की सूची बनाई है जो आम पब्लिक के लिए एक मिसाल हैं| फिर चाहे वह कपिल देव हों, रतन टाटा हों, दलबीर सिंह सुहाग हो या फिर पूर्व सीजेआई आरसी लाहोटी हों| बुधवार को अमित शाह माधुरी दीक्षित और रतन टाटा से तो मिले लेकिन उन्हें लता मंगेशकर से भी मिलना था| लता मंगेशकर के स्वास्थ्य समस्या के चलते वह अमित शाह से नहीं मिल सकीं| यह सभी ऐसी हस्तियां हैं जिनकी समाज में एक विशिष्ट पहचान और साफ-सुथरी छवि है| आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा इन्हीं हस्तियों की छवि को भुनाना चाहती है| यही वजह है कि अमित शाह इन सभी हस्तियों के न सिर्फ घर जाकर मिल रहे हैं बल्कि उन्हें लगभग आधे से 1 घंटे का समय भी दे रहे हैं|
भाजपा की साख का यह अभियान सिर्फ इन्हीं 50 हस्तियों तक सीमित नहीं है बल्कि पार्टी की ओर से विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को भी एक जिम्मेदारी सौंपी गई है| इन विधायकों और वरिष्ठ पार्टी नेताओं को समाज की क्रीमी लेयर से मुलाकात कर उन्हें भाजपा के पक्ष में करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है| मुंबई की एक विधायक को 20 जून तक का वक्त दिया गया है| वह शहर के आर्किटेक्ट्स, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, बिल्डर्स समेत अन्य वर्ग के लोगों से मुलाकात में लगी हैं| संभव है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इन 50 हस्तियों में से कोई हस्ती भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरती नजर आए| बहरहाल, भाजपा की यह नई रणनीति क्या रंग लाने वाली है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन अगर इतनी साफ-सुथरी छवि वाली हस्तियां मैदान में उतरती है तो निश्चित तौर पर यह विपक्षी दलों के महागठबंधन के मुंह पर जोरदार तमाचा होगा|