राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम, दास मलूका कह गये सबके दाता राम, यह सूक्ति सही बैठती है टनकपुर विद्युत विभाग पर लाइन मैन पोल पर चढ़ना जानते नहीं पर लेते हैं चालीस हजार. नियम जानते नहीं काम का कि कैसे लाइन ब्रेक होती है, रखे हैं गरीब अनपढ़ पोल में चढ़ने को जो मर भी जाये तो उनकी कीमत कुछ नहीं. इस पर न जेेई का अंकुश है ना ही SDO का. उन्हें तो बस कमीशन चाहिए हर काम का. बात करतेे हैं अभी कुछ दिन पूर्व जान गंवाने वाले पप्पू राम की, जो बिचई फीडर में काम करते मर गया. जिसकी निष्पक्ष जांच हो या फिर कोई जनहित याचिका दायर कर दे तो सभी अधिकारी अपनी अपनी गर्दन सुरक्षित रखेंगे. यही नहीं ये लोग डोमेस्टिक मतलब 10 no घरेलू संयोजन पर लोगो से 10 गुना अधिक वसूलने में कोई कसर नहीं छोड़ते. पोल दूर है बीच में खेत हैं, ऐसे अड़़ंगे लगाकर उपभोक्ता को डरा देते हैं. यदि जरूरत पड़ेगी तो इसके प्रूफ भी पेश किए जाएंगे लेकिन कार्रवाई हो. विष्नुपुरी में प्रकाश आटा चक्की के पास और मथुरा दत्त पाण्डे के घर के सामने 100 किलोवाट का ट्रांसफार्मर लगा है जिसके पोल में एक. TGMO लगा है जिसमें 2005 में एक गाय चिपक कर मर गई थी.
तब तत्कालीन प्रधान द्वारा जिलाधिकारी द्विवेदी को फोन किया गया तो टनकपुर के उपजिलाधिकारी जगदीश चंद्र कांडपाल द्वारा खुद आकर टीजीएमओ के तार कटवा दिए गए थे किन्तु विभाग की लपरवाही से पप्पू राम यहीं चिपक कर मरा और अब भी पोल में करेंट आ रहा है जबकी पप्पू की मौत के दूसरे दिन ग्रामवासियों ने एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी टनकपुर को दिया था जिसमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. वहीं, विभाग के उप खंड अधिकारी खान ने कहा कि न मेरे पास कोई पत्र आया न ही कोई करेंट की सूचना है.