दीपक शर्मा, लोहाघाट
पाटी ब्लाक के दुबड़ कमलेख मे सातवे दिन की कथा मे कथा व्यास द्वारा गंगा मां का वर्णन /किया गया । व्यासपीठ से आचार्य गौरी दत्त गहतोड़ी ने भगवतप्रेमियों को बताया गया कि सभी तीर्थों मे गंगा ही श्रेष्ठ है जिसे पवित्र करने वालों मे भगवान शिव .व्रतो मे एकादशी, पुष्पों मे तुलसी ,देवताओं मे विष्णु,शास्त्रों मे वेद, वर्णों मे ब्राह्मण, नक्षत्रों मे चन्द्रमा,पक्षियों मेगरुण, स्त्रियों मे प्रकृति ,राधा , वाणी,वसुंधरा,तथा शीघ्रगामी चंचलों मे मन,प्रजापतियों मे ब्रह्मा, वनों मे विन्द्रावन,वर्षो मे भारत वर्ष,श्रीमानों मे लक्ष्मी,विद्वानों मे सरस्वती, पवित्रता में दुर्गा और सौभाग्यवतियों में राधा श्रेष्ठ है।
इसी प्रकार यज्ञों मे देवी यज्ञ श्रेष्ठ है और बताया गया कि इस संसार मे जो पवित्र है तो वह केवल गंगा का जल ही है जिसे कोई भी अपवित्र नही कर सकता है। कथा का रसपान करने को।
” *तीर्थाणां यथा गंगा, पवित्राणां शिवोयथा। एकादशी व्रताणां च, पुष्पाणां तुलसीयथा* सकदेना ,भुम्वाड़ी, ब्रुशखोला, निलौटी, टाक बलवाड़ी, गुरौली, खरही, आदि दूर दूर से भारी संख्या मे लोग पहुंच रहे हैं।