ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ
ग्रह और उनकी स्थितियां समय-समय पर हमें बताती रहती है कि आने वाला समय कैसा होगा.
गुरु बृहस्पति का वक्री होना ,बुध ग्रह का मंगल राशि गमन दर्शा रहा है कि मई महीने मे कच्चे तेल की कीमतें आसमान को छू लेंगी और शनिदेव का 30 अप्रैल से वक्री होना, शनि पर मंगल देव की अष्टम दृष्टि होना ,भयानक भूकंप के कारण बन सकते हैं 7 मई से मंगल देव का मिथुन राशि में जाना पानी की कमी का कुछ राज्यों में अति होना इस सब का सूचक है.
ग्रह कब हम लोगों को पीड़ा देते हैं जब सभ्यता धर्म की ओर विमुख होकर पाप की ओर अग्रसर होती है तो प्रकृति दारुण कष्ट देती है पानी की कमी भूमि का असिथर होना ,पहाड़ों पर भयानक विपत्तियां आना यह सब कुदरत के कहर के संकेत हैं.
हम क्या करें कि कष्ट कम आए
जब जब धर्म की हानि हो पाप का प्रकाश बढ़ रहा हो तो माता जगदंबा का आह्वान करना चाहिए श्रीमद्भागवत पढ़ने वाले हर ज्ञानी से मेरी विनती है कि आप दुर्गा सप्तशती ,देवी भागवत ,शिव पुराण का पाठ करें पढ़कर सुनाएं इससे पुण्य प्राप्त होता है जिससे सृष्टि स्थिर होती है.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ सर्वोत्तम है घर घर में करने से घर, समाज, देश में स्थिरता आएगी.