हरियाणा

सोहना आईटीआई का हाल बेहाल, 40 वर्षों बाद भी लड़कियों के लिए नहीं शुरू हुई कोई भी ट्रेड

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सोहना, संजय राघव

एक ओर जहाँ सरकार लड़कियों को शिक्षित एवं स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयासरत है| वहीं दूसरी ओर सोहना क्षेत्र की लड़कियाँ रोजगारोन्मुखी शिक्षा से वंचित हैं| लड़कियों को उक्त शिक्षा हासिल करने के लिए दूसरे स्थानों की ओर भागना पड़ रहा है| कस्बे के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में करीब 40 वर्षों से लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई भी ट्रेड नहीं है| संस्थान में मात्र पाँच फीसदी (कुल 20) छात्राएँ ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं| ऐसा होने से सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने लगे हैं| विरोधी पार्टियों के नेतागण उक्त मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं|
सोहना कस्बे के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई खास इंतजाम नहीं हैं| लड़कियों को कोई भी ट्रेड ना होने से बगैर दाखिले के हर वर्ष बैरंग लौटना पड़ता है| संस्थान में मात्र 20 लडकियाँ ही शिक्षा प्राप्त कर रही हैं| विदित है कि करीब तीन एकड़ भूमि में बने उक्त संस्थान की स्थापना करीब 4 दशक पूर्व सन् 1980 में हुई थी जिसमें सोहना कस्बे के अलावा आस-पास गाँवों के करीब 450 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं| प्रशिक्षण संस्थान में लगभग दस ट्रेड क्रमशः ड्राफ्ट्समैन सिविल, ड्राफ्ट्समैन मैकेनिकल, फिटर, कोपा, स्टैनो हिंदी, वैल्डर, कारपेंटर, मशीनिष्ट, इलेक्ट्रीशियन, एयर कंडीशन हैं किन्तु लड़कियों के लिए इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई ट्रेड आज तक भी शुरू नहीं की गई है| ऐसा होने से अभिभावकों में भारी रोष व गुस्सा पनप रहा है| विरोधी पार्टियों के नेतागण उक्त मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की फिराक में हैं|
ये नहीं हैं ट्रेड
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में करीब 40 वर्षों से सरकार ने किसी भी ट्रेड को शामिल नहीं किया है| ऐसी ट्रेडों में कटाई-सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन, हेयर एंड स्किन शामिल हैं| इसके अलावा संस्थान में प्लम्बर व डीजल मैकेनिक की ट्रेड भी नहीं है|
स्टाफ का टोटा
कस्बे में करीब चार दशक से स्थापित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में करीब एक दर्जन पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं| ऐसे पदों में ड्राफ्ट्समैन सिविल का एक पद, वेल्डर के तीन पद, फिटर के दो पद, मैकेनिक के तीन पद व इलेक्ट्रीशियन के दो पद खाली हैं| सरकार ने आज तक भी उक्त पदों को भरने की पहल नहीं की है जबकि संस्थान प्रशासन कई बार लिखित रूप में उक्त पदों को भरने के लिए गुहार लगा चुका है|
क्या कहता है संस्थान प्रशासन
संस्थान के कार्यवाहक प्रिंसिपल धर्मपाल कहते हैं कि लड़कियों की शिक्षा के लिए ट्रेडों को शामिल करने के लिए कई बार सरकार को अवगत किया जा चुका है| इसके अलावा संस्थान में खाली पदों को भरने के लिए कई बार लिखित रूप में माँग भेजी जा चुकी है किन्तु आज तक भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला है| उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 20 वर्ष पूर्व लड़कियों की ट्रेड को सरकार ने समाप्त कर दिया था|

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