नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर नगर निगम के कर्मचारियों को पिछले माह की सैलरी अभी तक नहीं दी गई है जबकि अब दूसरा महीना भी पूरा होने को है. दूसरी तरफ सैलरी दिलाने में असमर्थ नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों में चेकिंग के नाम पर दहशत फैलाने में लगे हुए हैं ताकि कोई भी कर्मचारी सैलरी के लिए खुलकर सड़क पर न आ जाये. सूत्र बताते हैं कि चेकिंग की आड़ में कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने की तैयारी चल रही है.
बता दें कि कर्मचारियों को अब तक मई माह का वेतन नहीं दिया गया है. इसे लेकर कर्मचारियों में रोष पनपने लगा है. इसकी भनक लगते ही ज्वााइंट कमिश्नर को कल अचानक से कर्मचारियों की चेकिंग करने की याद आ गई. ज्वाइंट कमिश्नर ने चेकिंग भी की तो शाम साढ़े चार बजे के आसपास जबकि पांच बजे छुट्टी का समय होता है. अगर ज्वाइंट कमिश्नर को वाकई कामचोर कर्मचारियों को पकड़ना था तो यह चेकिंग दोपहर को लंच के बाद या लंच से पहले करनी चाहिए थी ताकि लंच का बहाना मारकर घंटों तफरी मारने वाले कर्मचारियों की पोल खोल सकें. लेकिन ज्वाइंट कमिश्नर इसके उलट शाम को छुट्टी के वक्त चेकिंग को निकले. जब कामचोर कर्मचारी आखिरी एक घंटा दफ्तर में बिताकर खुद को कर्मठ कर्मचारी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते.
दूसरी तरफ कर्मचारियों में सैलरी नहीं मिलने को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है. उनका कहना है कि अगर ज्वाइंट कमिश्नर चेकिंग करने आ सकते हैं तो सैलरी दिलाने का भी दम रखें. अगर वह कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिला सकते तो उन्हें कर्मचारियों की हाजिरी चेक करने का भी कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी कर्मचारी का वेतन काटने की कोशिश की गई या उसे परेशान करने का प्रयास किया गया तो वह ज्वाइंट कमिश्नर के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे और उनकी ईंट से ईंट बजा देंगे. बहरहाल, नए ज्वाइंट कमिश्नर कर्मचारियों एवं कर्मचारी नेताओं के राडार पर आ गए हैं. अगर वह समय से सैलरी दिलाने में नाकाम होते हुए भी अपने चेकिंग जैसे रवैये पर कायम रहे तो उन्हें काफी फजीहत का सामना करना पड़ सकता है.
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