नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
कार्तिक महीने के कुछ दिन ही शेष है आप इसका पूर्ण लाभ उठा सकते हैं. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य देव अरिष्ट हैं वह आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करवा सकते हैं इससे उनको पिछले जन्मों तक के किए हुए पाप से मुक्ति का रास्ता मिलेगा और इस जन्म में भी शांति प्राप्त होगी किसी कुंडली में सूर्य देव तुला राशि में तब मिलते हैं जब किसी प्राणी ने पिछले जन्म में गुरु पिता पितरों का भारी अनादर किया होता है इसलिए वह व्यक्ति कार्तिक मास में पैदा होता है ताकि ज्ञानी जन उसे बता सके और वह जन्मदिन के रूप में सूर्य नारायण की पूजा कर उस पाप से मुक्त हो सकता है.
जिनकी शादी नहीं हो रही होती है उनके लिए सूर्य देव का यज्ञ करवाना और साथ में सूर्य यंत्र मानिक सोना लाल कपड़ा गुड़ कनक दान करना चाहिए.
जिन व्यक्तियों के सूर्य के अरिष्ट होने के कारण औलाद नहीं हो रही है वह आदित्य हृदय स्तोत्र के सवा लाख जप का संकल्प ले इससे भगवान निश्चय ही औलाद का सुख देते हैं.
जिन व्यक्तियों के मन में इच्छा होगी वैसे कोई सिद्धि करें तो वह धनत्रयोदशी के दिन से अपने मंत्र का जाप शुरू कर दें और दीपावली की रात तक ब्रह्म और आते आते तक उस पाठ का निरंतर जप करें तदोपरांत स्नान करें फिर उस मंत्र का हवन करें फिर उस देवता के निमित्त सभी जो वस्तु उस देवता को प्रिय है वह अर्पित करें इससे लाभ मिलेगा.
हनुमान जी के प्रिय भक्तों के लिए 13 तारीख को हनुमान जयंती आएगी उस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भगवान जी प्रसन्न होते हैं
मंगल मूर्ति मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन
यह चौपाई सुनने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.
हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और लाल फल अर्पण करें और अपने मंगल की कामना करें मंगलीक व्यक्तियों के लिए यह समय अच्छा रहेगा जिनका शनि खराब है उनके लिए यह पूजा अनिवार्य है.
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