यूपी

नगर निगम में भ्रष्टाचार का एक और काला खेल उजागर, आईडी बदलकर डकार गए टैक्स के लाखों रुपये, एडवोकेट चंद्रप्रकाश गुप्ता और राजकुमार मेहरोत्रा ने खोला मोर्चा, पढ़ें क्या है पूरा मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली नगर निगम अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. कभी ठेकेदार सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार करते पाए जाते हैं तो कभी अवैध कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों को खुश करने के लिए करोड़ों की सड़कें बना दी जाती हैं. ताजा मामला टैक्स विभाग का सामने आया है जिसमें आईडी नंबर बदलकर लाखों रुपये के राजस्व की चपत सरकारी खजाने को लगाई गई है. समाजसेवी राजकुमार मेहरोत्रा और एडवोकेट चंद्र प्रकाश गुप्ता ने इसकी लिखित शिकायत नगर आयुक्त से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक की है लेकिन भ्रष्टाचार के इस खेल में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

एडवोकेट चंद्र प्रकाश गुप्ता
राजकुमार मेहरोत्रा

शिकायतकर्ताओं ने इंडिया टाइम 24 से खास बातचीत में बताया कि नगर निगम के टैक्स विभाग के जोन-2 की संपत्ति संख्या 829/821/68 गोवर्धन लाल पुत्र तुलाराम पर वर्ष 2017-18 का बिल चार लाख 80 हजार 590 रुपये का बकाया था. जिसे अदा न करने पर निगम द्वारा सील कर दिया गया था. जब बिल्डिंग सील हुई तो बिल्डिंग मालिक ने पचास प्रतिशत राशि जमा करवाकर उक्त बिल्डिंग की सील खुलवा ली. उक्त बिल की आईडी संख्या एनएनबी tax057613 है. इसके बाद प्रॉपर्टी मालिक ने पचास प्रतिशत बकाया राशि नगर निगम को अदा नहीं की और निगम अधिकारियों से मिलीभगत से न सिर्फ बकाया राशि हजम कर ली गई बल्कि वर्ष 2018-19 का प्रॉपर्टी टैक्स भी जमा नहीं किया गया. उक्त बकाया राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है. प्रॉपर्टी स्वामी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उक्त प्रॉपर्टी की नई आईडी 7913551 के नाम से बना दी गई. इस नई आईडी पर जो बिल वर्ष 2019-20 का जारी किया गया उसमें पूर्व की बकाया राशि का कोई जिक्र नहीं किया गया. वर्ष 2018-19 के प्रॉपर्टी टैक्स का डाटा रिकॉर्ड से ही डिलीट कर दिया गया. आरोप है कि निगम अधिकारियों ने प्रॉपर्टी मालिक से रिश्वत की मोटी रकम लेकर सरकारी राजस्व को चपत लगाई है. शिकायतकर्ता एडवोकेट चंद्र प्रकाश गुप्ता और राजकुमार मेहरोत्रा ने मामले में कड़ी कार्रवाई कर दोषी अधिकारियों को तत्काल नौकरी से बर्खास्त करने और बकाया टैक्स की वसूली करने की मांग की है.
वहीं इस संबंध में जब टैक्स सुपरिंटेंडेंट का चार्ज संभाल रहे विजय कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे कोरोना हो गया था, मैंने एक-दो दिन पहले ही नौकरी ज्वाइन की है. मुझे अभी सुपरिंटेंडेंट का चार्ज संभालने के लिखित आदेश भी नहीं मिले हैं. मुझसे पहले जो सुपरिंटेंडेंट थे उनका गाजियाबाद तबादला हो गया है. जोन-2 के प्रभारी फिलहाल ललितेश हैं. वह इस मामले में बेहतर बता सकते हैं. फिर भी हम अपने स्तर से मामले को दिखवाते हैं.

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