यूपी

सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष बोले- जिला मुख्यालय में एक सीट तो मुस्लिम को देनी ही चाहिए, महानगर अध्यक्ष ने किया किनारा, पढ़ें अन्य मुस्लिम नेता क्या बोले?

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या कम करने की चर्चाएं आम होने के बाद मुस्लिम नेता अपनी आवाज बुलंद करने में जुट गए हैं। समाज की आवाज बुलंद करने वाले नेताओं में सिर्फ टिकट के दावेदार मुस्लिम नेता ही नहीं बल्कि पार्टी के पूर्व पदाधिकारी भी शामिल हैं। उनका मानना है कि जिला मुख्यालय में कम से कम एक सीट पर तो मुस्लिम उम्मीदवार उतारना ही चाहिए। अगर पार्टी ऐसा नहीं करती है तो जिले की अन्य सीटों पर इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद कहते हैं, ‘जिला मुख्यालय जिला स्तरीय राजनीति का केंद्र होता है। किसी भी दल के लिए जिला मुख्यालय पर विभिन्न वर्गों और धर्मों को उनकी आबादी के हिसाब से प्रतिनिधित्व देना जरूरी होता है। जिला मुख्यालय में प्रतिनिधित्व देने का असर जिले की अन्य सीटों पर भी पड़ता है। मैं उन दलों की बात नहीं कर रहा जो कि सिर्फ एक ही धर्म पर केंद्रित राजनीति करते हैं। समाजवादी पार्टी एक धर्म निरपेक्ष पार्टी है जिसने हमेशा से मुस्लिम समाज को उसका बनता अधिकार दिया है। चूंकि बरेली जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं और हर सीट पर बड़ी तादाद में मुस्लिम वोटर हैं।

कदीर अहमद

जिला मुख्यालय में 124 शहर और 125 कैंट कुल दो विधानसभा सीटें हैं। इन दोनों ही सीटों पर लगभग डेढ़ लाख से भी अधिक मुस्लिम वोटर हैं। इन सभी की पूरी तरह उपेक्षा करना ठीक नहीं होगा। इसलिए एक सीट पर तो मुस्लिम प्रत्याशी उतारना ही चाहिए ताकि मुस्लिम समाज सपा में खुद को उपेक्षित महसूस न करे। कैंट सीट से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाए तो ज्यादा बेहतर होगा।’
वहीं, सपा के महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी से जब इस संबंध में बात की गई तो बैठक में व्यस्त होने के कारण वह अपना पक्ष नहीं दे सके।

शमीम खां सुल्तानी

कैंट विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदार इंजीनियर अनीस अहमद खां भी जिला मुख्यालय की एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की हिमायत करते हैं। अनीस अहमद कहते हैं, ‘मैं यह नहीं कहता कि पार्टी मुझे ही टिकट दे, पार्टी जिसे भी टिकट देगी उसके लिए हम पूरी तत्परता से काम करेंगे लेकिन जिला मुख्यालय में कम से कम एक सीट पर जरूर मुस्लिम प्रत्याशी उतारना चाहिए।

इंजीनियर अनीस अहमद

कैंट सीट से हमेशा से ही मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाता रहा है और यहां से सपा के विधायक कई बार बने हैं। ऐसे में कैंट सीट से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाना बेहतर साबित हो सकता है। ऐसा करने से न सिर्फ समाजवादी पार्टी पर मुसलमानों का भरोसा पूर्ववत बरकरार रहेगा बल्कि उन विरोधी दलों के मंसूबों पर भी पानी फिर जाएगा जो मुसलमानों में समाजवादी पार्टी के खिलाफ यह भ्रम फैलाकर बांटने की कोशिश कर रहे हैं कि समाजवादी पार्टी में अब पहले की तरह मुसलमानों के हित सुरक्षित नहीं रह गए हैं।’

मो. कलीमुद्दीन

शहर विधानसभा सीट से सपा के टिकट के मुस्लिम दावेदार मो. कलीमुद्दीन भी जिले की एक सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की वकालत करते हैं। वह कहते हैं, ‘अकेले शहर विधानसभा सीट पर 41 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं और कैंट सीट पर 37 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय की एक सीट पर तो मुस्लिम दावेदार का भी हक बनता है। खास तौर पर शहर विधानसभा सीट से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाना चाहिए।’

अब्दुल कय्यूम मुन्ना

हालांकि, शहर विधानसभा सीट से ही सपा के टिकट के प्रबल दावेदार अब्दुल कय्यूम मुन्ना को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिला मुख्यालय में मुस्लिम को टिकट मिले या न मिले। वह कहते हैं, ‘पार्टी को जिताऊ उम्मीदवार उतारना चाहिए। फिर चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लिम इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पार्टी जिसे भी मैदान में उतारेगी हम उसे चुनाव लड़ाएंगे।’
बहरहाल, जिला मुख्यालय के मुस्लिम नेता अब अपने समाज का हक मांगने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। कुछ नेता खुले तौर पर तो कुछ दबी जुबान में यह स्वीकार कर रहे हैं कि अगर समाजवादी पार्टी जिला मुख्यालय में मुस्लिम समाज को टिकट न देकर दरकिनार करती है तो मुसलमान नए विकल्प का दामन थाम सकते हैं। एक चर्चा यह भी हो रही है कि आजम खां के जेल में होने के कारण मुसलमानों की आवाज उठाने वाला ऐसा कोई बड़ा नेता पार्टी में नहीं रह गया है जो आजम खां की तरह मुस्लिमों के हक की आवाज को पार्टी हाईकमान स्तर तक पहुंचा सके। यह बात उन मुस्लिम नेताओं के लिए भी बड़ी चुनौती है जिन्हें अब तक आजम खां के विकल्प के रूप में देखा जा रहा था। अब तक मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सपा के लिए फिलहाल जिला मुख्यालय में मुस्लिमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *