यूपी

समीक्षा बैठक में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने संगठन की मजबूती पर दिया जोर, पढ़ें क्या-क्या कहा बैठक में?

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
सनीक्षा बैठक के बहाने समाजवादी पार्टी को मजबूती देने आए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व कैबिनेट मंत्री किरणमय नंदा का संबोधन बगावत के डर और कमजोर संगठन की कहानी बयां कर रहा। उनके संबोधन में आवेदकों के बिखरने के डर के साथ ही उन्हें सहेजने की अपील भी थी। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यह माना कि समाजवादी पार्टी में संगठन को और मजबूत बनाने की जरूरत है। सेक्टर प्रभारी से लेकर बूथ प्रभारी तक विधायक ही बनाता है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने संगठन को मजबूत करने के लिए संगठन समीक्षा अभियान शुरू कर दिया। किरणमय नंदा अपने संबोधन में पार्टी की जीत का मंत्र भी दे गए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पिछली बार हम विधायक को चुनाव लड़ाते रह गए और संगठन चुनाव हार गया। इसलिए इस बार विधायक को नहीं संगठन को चुनाव लड़ाना होगा। एक-एक सीट से कई लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है लेकिन टिकट सिर्फ एक व्यक्ति को ही मिलेगा। इसलिए जिस किसी को भी टिकट मिले उसे मिलकर चुनाव लड़ाएं।

अगर सरकार बनेगी तो सबको सम्मान दिया जाएगा। बहुत से पद होते हैं सरकार मैं लेकिन सरकार नहीं बनी तो पूर्व मंत्री और सांसद आजम खां की तरह फर्जी मुकदमे लगाकर आप सबको भी बरेली की जेलों में डाल दिया जाएगा। जिस तरह आज तक आजम खां को जमानत नहीं मिली है वही हाल आप सब नेताओं का भी होगा। अगर सरकार बनती तो आजम खां का यह हाल कभी नहीं होता जो आज हो रहा है। इसलिए सिर्फ अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाइये किसी और को नहीं।
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई जनसभा नहीं है. यह संगठन का काम है. संगठन से ही पार्टी मजबूत होती है. बिना संगठन के पार्टी कभी मजबूती से नहीं आती है. नेता संगठन नहीं बनाते हैं, संगठन कार्यकर्ता बनाते हैं। 34 साल बंगाल में हम लोग सरकार में थे, किसके दम से, किसके भरोसे हम लोग सरकार में थे, कार्यकर्ता के भरोसे। जहां कार्यकर्ता मौजूद होता है वहां सरकार बनती है।

केवल विधानसभा चुनाव नहीं, केवल लोकसभा चुनाव नहीं, पंचायत चुनाव हो, नगर पालिका चुनाव हो या कोई भी चुनाव हो, चुनाव सिर्फ कार्यकर्ता ही जिताता है और कार्यकर्ता जितना संगठन को मजबूत करेगा उतना ही हम लोगों को चुनाव जीतने में आसानी होगी। इसलिए हम लोगों ने जिले जिले में जो काम शुरू किया उसका नाम है संगठन समीक्षा। कैसे संगठन तैयार होगा? जहां संगठन मजबूत नहीं है वहां कैसे हम लोग संगठन को मजबूत करेंगे, जब संगठन समीक्षा हमने शुरू की तो हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से चर्चा की थी कि समीक्षा में किसको बुलाएंगे, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एक-एक जिले में दो-दो दिन रुकना पड़ेगा। पहले दिन संगठन के साथ जुड़े हुए लोगों को बुलाएंगे और दूसरे दिन पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक, पूर्व सांसद, जिले के नेता, इन सब लोगों को बुलाएंगे। इसलिए पहले दिन हमने सेक्टर प्रभारी को बुलाया, बूथ अध्यक्ष को बुलाया, विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष को बुलाया। सारे विधानसभा के लिए एक-एक घंटा समय दिया। उनके साथ बात की। क्योंकि असली चुनाव जो होता है वह बूथ का चुनाव होता है। बूथ मजबूत होगा तो चुनाव जीत जाएंगे और अगर बूथ मजबूत नहीं होगा तो कभी चुनाव नहीं जीत सकते। इसलिए बूथ को मजबूत करना सबसे ज्यादा जरूरी है। असल नेता वही है जो बूथ का नेता है, जो सेक्टर प्रभारी है, जिसके हाथ में दस-दस बूथ हैं। विधायक जाकर क्या करेगा, वह सभा करेगा। किसी गांव में सभा करेगा, कभी बड़ी सभा करेगा लेकिन आम जनता के बीच कार्यकर्ता ही जाएगा। जब हमने देखा कि एक बूथ पर 10 कार्यकर्ता का नाम तैयार करके जिला अध्यक्ष जी ने प्रदेश कार्यालय में भेजा तो हमने उसे गंभीरता से लिया और बताया कि सिर्फ 10 कार्यकर्ता से चुनाव नहीं जीता जा सकता। चुनाव लड़ना है भाजपा के खिलाफ।


जब हम लोगों की सरकार थी तो हमने संगठन की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया। हमने सरकार पर ध्यान दिया। इसलिए हम पिछला चुनाव हार गए। यही वजह है कि इस बार हम लोगों ने यह निर्णय लिया कि संगठन पर ज्यादा ध्यान देना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं से सुझाव लेना पड़ेगा। जनता के बीच जाना पड़ेगा। हम लोगों ने निर्णय लिया कि एक बूथ पर कम से कम 20 कार्यकर्ताओं को जोड़ो। 1-1 बूथ पर जब 20-20 कार्यकर्ता जुड़ जाएंगे तो हर बूथ में 400 घर हैं। एक-एक कार्यकर्ता को बीस -बीस घर बांट दो। चुनाव एक गणित है और बिना गणित से चुनाव नहीं जीता जा सकता है। हमने देखा कि जो विधायक बनता है वही सेक्टर प्रभारी तैयार करता है जो विधायक बनता है वही बूथ प्रभारी तैयार करता है। ऐसे में संगठन कैसे मजबूत होगा? जब संगठन मजबूत होगा तो विधायक के पीछे घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


महिलाओं को सम्मान दो
किरणमय नंदा ने अपने संबोधन में महिलाओं को सम्मान देने और उन्हें आगे लाने के साथ ही हर बूथ पर कम से कम पांच महिलाओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमने देखा कि संगठन में महिलाएं एकदम दरकिनार हैं। किसी भी बूथ पर एक भी महिला नहीं है। जब बूथ में महिला नहीं होगी तो 50 प्रतिशत महिला वोटर के पास कौन जाएगा? उनके वोट हमें कैसे मिलेंगे? पुरुष तो पुरुष के साथ मिलकर बात करेगा लेकिन महिलाओं के साथ कौन बात करेगा, इसलिए हर बूथ पर कम से कम 5 महिलाओं को जोड़ना होगा। अगर महिलाओं को नहीं जोड़ेंगे तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी। इसीलिए नेता जी बार-बार कहते हैं कि महिलाओं को जोड़ो, महिलाओं को सम्मान दो, महिलाओं को आगे बढ़ाओ। जितनी ज्यादा महिलाएं आपकी पार्टी के लिए काम करेंगे उतनी ही ज्यादा आपकी पार्टी मजबूत होगी।

कार्यक्रम की सफलता में शमीम खां सुल्तानी की रही अहम भूमिका

संगठन समीक्षा बैठक को सफल बनाने में महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी दी अहम भूमिका रही। दो दिन पूर्व रात में किरणमय नंदा के बरेली आगमन से लेकर कार्यक्रम के समापन तक वह दिन रात व्यवस्थाएं बनाने में जुटे रहे। सभी पदाधिकारियों और आवेदकों को संगठन समीक्षा बैठक की सूचना उन्होंने निजी तौर पर दी।


ये रहे मौजूद
सनीक्षा बैठक में युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शुभलेश यादव, जिला अध्यक्ष अगम मौर्य, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, पूर्व महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद, बहेड़ी विधानसभा सीट से टिकट के आवेदक नसीम अहमद, कैंट सीट से इंजीनियर अनीस अहमद, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री साधना मिश्रा, पवन सक्सेना, अनुराग सिंह नीटू, गौरव सक्सेना, नूतन शर्मा, भोजीपुरा से हाजी तसव्वर खां, बिथरी से शुजा खां, शिवचरण कश्यप, हेमंत लोधी, फरीदपुर से ब्रह्म स्वरूप सागर, विजयपाल सिंह, शालिनी सिंह, शहर विधानसभा सीट से डा. अनीस बेग, अब्दुल कय्यूम मुन्ना, मो. कलीमुद्दीन सहित बड़ी तादाद में अन्य लोग भी शामिल हुए।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *