यूपी

इं. अनीस के दांव का तोड़ नहीं तलाश पा रहे मुस्लिम दावेदार, दे रहे अजीबोगरीब तर्क, कहा- दाढ़ी रखते हैं अनीस, इसलिए नहीं देना चाहिए टिकट

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
कैंट विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट के दावेदार इंजीनियर अनीस अहमद खां ने अन्य मुस्लिम दावेदारों की रातों की नींद हराम कर दी है. साथी मुस्लिम दावेदारों को एक के बाद एक झटके दे रहे इंजीनियर अनीस अहमद खां चौतरफा किलेबंदी में जुट गए हैं. पहले अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बरेली दौरे के दौरान इंजीनियर अनीस अहमद ने बाजी मार ली और कैंट से दूसरा कोई भी मुस्लिम दावेदार राष्ट्रीय अध्यक्ष के आसपास भी नहीं फटक सका. इसकी वजह क्या रही यह तो अन्य दावेदार ही जानें पर इंजीनियर साहब ने अन्य दावेदारों से बढ़त जरूर ले ली. उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हमशक्ल समाजवादी योद्धा सुरेश ठाकुर को बरेली लाकर शानदार साइकिल यात्रा निकालना और भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व कैंट विधायक राजेश अग्रवाल के घर के बाहर दलित समाज के प्रतिनिधियों द्वारा स्वागत करवाने जैसे काम करके इंजीनियर अनीस अहमद खां ने खुद को दावेदारों की भीड़ से अलग कर लिया. साथ ही भाजपा को भी यह संदेश दे दिया कि अगर समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट देगी तो वह भाजपा के घर में घुसकर उसे पटखनी देने का दम भी रखते हैं. समाजवादी पार्टी को फिलहाल ऐसे ही योद्धाओं की जरूरत है जो भाजपा के घर में घुसकर धावा बोल सकें न कि ऐसे दावेदारों की जो अपने निजी काम के लिए भाजपा नेताओं की परिक्रमा करते फिर रहे हैं. ऐसे में अब समाजवादी पार्टी के अन्य मुस्लिम दावेदारों की नींदें उड़ गई हैं. वे अब इंजीनियर अनीस अहमद को टिकट न देने के लिए अजीबोगरीब तर्क दे रहे हैं. साफ सुथरी छवि वाले इंजीनियर अनीस अहमद की जब कोई कमजोरी उनके हाथ नहीं लगी तो दावेदारों ने उनकी दाढ़ी को ही मुद्दा बना लिया. जब इन दावेदारों से पूछा गया कि इंजीनियर अनीस अहमद का ऐसा कौन सा माइनस प्वाइंट है कि उन्हें समाजवादी पार्टी का टिकट नहीं दिया जाए तो इस पर दावेदारों का कहना था कि इंजीनियर साहब दाढ़ी रखते हैं इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया जाना चाहिए. हैरानी की बात है कि सपा के दावेदारों की नजरों में अब समाजवादी पार्टी के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह दाढ़ी देखकर पार्टी का उम्मीदवार तय करेगी. क्या ऐसी सोच रखने वालों को समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनने का अधिकार है? उस पर तर्क यह है कि अगर पार्टी दाढ़ी वाला उम्मीदवार उतारेगी तो सपा को हिन्दू वोट नहीं मिलेगा. ऐसे दावेदार यह भूल गए हैं कि कालीबाड़ी पर राजेश अग्रवाल के घर के बाहर जो लोग समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा में और इंजीनियर अनीस अहमद की ओर से निकाली गई साइकिल यात्रा में शामिल समाजवादी योद्धा सुरेश ठाकुर का स्वागत के लिए उमड़े थे उनमें से ज्यादातर हिन्दू ही थे. हिन्दुओं में गहरी पैठ रखने वाले इंजीनियर अनीस अहमद से खुद को बेहतर साबित करना अब इन दावेदारों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है इसलिए इनकी हालत ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. ऐसे अजीबोगरीब तर्क देने वाले दावेदार यह भूल गए हैं कि इंजीनियर अनीस अहमद कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व बहुजन समाज पार्टी का हिस्सा थे. जब वह कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे तो अकेले दम पर लगभग 25 हजार वोट हासिल किए थे जबकि वर्तमान में टिकट मांग रहा एक दावेदार भी सपा से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ा था और इंजीनियर अनीस अहमद खां से आधे वोट भी हासिल नहीं कर पाया था. इतना ही नहीं उस दावेदार को तो अपने बूथ से भी महज 67 वोट पड़े थे जबकि उसके बूथ से इंजीनियर अनीस अहमद दो सौ से भी ज्यादा वोट ले उड़े थे.
बसपा से जुड़ा दलित और ओबीसी समाज उस वक्त से ही इंजीनियर अनीस अहमद खां से जुड़ा हुआ है. जब इंजीनियर अनीस कांग्रेस में शामिल हुए थे तो यह समाज भी कांग्रेस से जुड़ गया था. अब जबकि इंजीनियर अनीस अहमद खां सपा में आ गए हैं तो यह समाज भी सपा से जुड़ गया है. प्रोफेसर नसीम अख्तर को छोड़ दें तो अन्य कोई भी ऐसा मुस्लिम दावेदार सपा में नहीं है जो हिन्दुओं में गहरी पैठ रखता हो. हां, अन्य मुस्लिम दावेदारों में कुछ आपराधिक छवि वाले दावेदार जरूर हैं जिन पर हत्या जैसा संगीन मामला तक दर्ज हो चुका है. अखिलेश यादव यह स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि इस बार वह किसी भी आपराधिक छवि वाले दावेदार को विधानसभा का टिकट नहीं देंगे. विधानसभा का टिकट सिर्फ उसे ही मिलेगा जिसकी छवि साफ सुथरी होगी. ऐसे में इंजीनियर अनीस अहमद खां की राह और भी आसान नजर आ रही है. बहरहाल, टिकट का फैसला तो आने वाला वक्त ही करेगा. अगर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से सपा का गठबंधन होता है और यह सीट प्रसपा के पाले में जाती है तो जरूर डा. मो. खालिद इंजीनियर अनीस अहमद की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं वरना कैंट सीट से डा. आईएस तोमर और पवन सक्सेना ही इंजीनियर अनीस के मुकाबले में खड़े नजर आ रहे हैं.

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *